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*विश्व जन चेतना ट्रस्ट, भारत*
*दैनिक कार्यक्रम*
*मंगलवार दिनांक* - 09 जनवरी 2024
*दोहा छंद कार्यशाला*
दोहे का प्रथम और तृतीय चरण:-
दो मात्राओं से प्रथम और तृतीय चरण शुरू करने के बारह भेद बताए गए हैं।जिनका अभ्यास कल आपके द्वारा कर लिया गया होगा। यदि किसी ने उनका अभ्यास नहीं किया हो तो एक बार उसको अवश्य ही पूर्ण कर लें।
तीन मात्राओं से प्रथम और तृतीय चरण शुरू करने के आठ भेद बताए गए हैं:-
(1)3, 3, 2, 3, 2
(2)3, 3, 2, 2, 3
(3)3, 3, 2, 5
(4)3, 5, 5,
(5)3, 5, 2, 3
(6)3, 3, 4, 3
(7)3, 5, 3, 2
(8)3, 3, 5, 2
शुरू में तीन मात्रा शब्द के बाद दो, चार और छह मात्रा वाले शब्द नहीं आते। इसी प्रकार शुरू में तीन के बाद पाँच मात्रा हों तो उसके बाद चार मात्रा वाला शब्द नहीं आएगा।
*अभ्यास :-*
निम्नलिखित प्रत्येक प्रकार के कल संयोजन में दोहे का प्रथम चरण पूर्ण करते हुए पूर्ण दोहा लिखने का प्रयास करेंगे:-
(1)3, 3, 2, 3, 2
राम नाम अति सरल है,मन से लीजे नाम।
नाम जपत ही आपके, बनते बिगड़े काम।।
(2)3, 3, 2, 2, 3
दीन हीन अति रोचते, दया भाव जिन वक्ष।
सरल सदा होता नहीं,मानवता का पक्ष।।
(3)3, 3, 2, 5
गरल सुधा सम धारते, नीलकंठ प्रभु आप।
दूर सदा निज कृपासे, करते जग के ताप।।
(4)3, 5, 5,
सदा धारिए सरलता, सरल रूप व्यवहार।
स्वयं करेगा आपका,यहाँ जगत सत्कार।।
(5)3, 5, 2, 3
जगत जानिए मत यहाँ, अपना सच्चा मीत।
नहीं वासना में पड़ो, लोगे जगको जीत।।
(6)3, 3, 4, 3
सदा रहो सबके भले, करिए ऐसे काम।
आप नहीं होगे यहाँ, अमर रहेगा नाम।।
(7)3, 5, 3, 2
दूर जानिए यहाँ ना, सबकुछ तेरे पास।
मिले सभीकुछ जगत में, जो तेरे मन आस।।
(8)3, 3, 5, 2
ईश नाम आधार है, भक्ति सरल सा मोल।
भजे रहो जगतार को, देगा किस्मत खोल।।
*समीक्षक महोदय* :- आ. डॉ.कौशल कुमार पाण्डेय आस जी ।
*संचालक महोदया* :- आ. मंशा शुक्ला जी।
*कार्यशाला कार्य काल*:- प्रातः 10 बजे से सायं 3 बजे तक ।
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