Thursday, March 12, 2020

जनचेतना परिवार

*जनचेतना परिवार*

*दोहा*

दिव्या,साहिल,सीप शचि, मेधा मीना साथ।
कातिल दा नहिं छोड़ना,पंकज जी का हाथ।।


*मनहरण घनाक्षरी छंद*

सरस स्वभाव भाव,मंद-मंद मुसुकान।
भुवन प्रफुल्ल,विष्ट,तेज,दिव्य पास है।।

अमन,स्वतंत्र,करें,अनुभूति चंचल भी।
पीने को *पियूष* रस,हृदय श्री आस है।।

सोम,ओम और व्योम,करते विशेष काम।
जलज कपूर सिद्ध ,सीप का विकास है।।

मीत,प्रीत,साथी संग,भावुक अधर -सम।
साहस बँधाते वीर, *भारत* प्रयास है।।

नीतेन्द्र सिंह परमार *"भारत"*
छतरपुर मध्यप्रदेश
दिनांक:-12/03/2020

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