*जनचेतना परिवार*
*दोहा*
दिव्या,साहिल,सीप शचि, मेधा मीना साथ।
कातिल दा नहिं छोड़ना,पंकज जी का हाथ।।
*मनहरण घनाक्षरी छंद*
सरस स्वभाव भाव,मंद-मंद मुसुकान।
भुवन प्रफुल्ल,विष्ट,तेज,दिव्य पास है।।
अमन,स्वतंत्र,करें,अनुभूति चंचल भी।
पीने को *पियूष* रस,हृदय श्री आस है।।
सोम,ओम और व्योम,करते विशेष काम।
जलज कपूर सिद्ध ,सीप का विकास है।।
मीत,प्रीत,साथी संग,भावुक अधर -सम।
साहस बँधाते वीर, *भारत* प्रयास है।।
नीतेन्द्र सिंह परमार *"भारत"*
छतरपुर मध्यप्रदेश
दिनांक:-12/03/2020
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