विषय:- *देश के गद्दार*
खाते नमक हमारे घर का,
गीत पाक के गाते है।
इंकलाब के स्वर गूंजे जो,
उनको कभी न भाते है।।
झूठी कसमें दूषित वाणी,
झूठे सभी इरादे है।
सच्चाई को झूठा कहते,
झूठे उनके वादे है।।
एक बार फटकार लगा दो,
भारत माँ के लाल हो तुम।
महाकाल को रटने वाले,
बैरी दल को काल हो तुम।।
छिपकर बैठे घर में अपने,
उनको बाहर लाना है।
क्रूर कुकर्मी पाखंडी को,
नर्क लोक पहुंचाना है।।
जिसको दूध पिलाया हमने,
उसी नाग ने काटा है।
हिन्दु मुस्लिम सिक्ख ईसाई को,
आपस में बांटा है।।
मक्कारी दिखलाई तुमने बहुत,
बड़े मक्कार हो तुम।
भारत देश में रहते हो पर,
भारत के गद्दार हो तुम।।
नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत "
छतरपुर ( मध्यप्रदेश )
सम्पर्क सूत्र :- 8109643725
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