Wednesday, April 22, 2020

रूपमाला/मदन छंद [सम मात्रिक]

*◆रूपमाला/मदन छंद [सम मात्रिक]◆*

विधान–[24 मात्रा,/14,10 पर यति,
आदि-अंत में वाचिक भार 21,चरण 4,
क्रमागत दो-दो चरण तुकान्त]

रामदूत हे पवनतनय ,
                       मतिधीर बजरंग।
बास करत हैं हिरदे में,
                       प्रभु जानकी संग।।
अंजनेय जू बल सागर,
                       चतुर   विद्यावान।
"सोम" मनावत सिर नावत,
                       कपीश्वर  हनुमान।।

                    *~शैलेन्द्र खरे"सोम"*

No comments:

Post a Comment

विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत मध्यप्रदेश इकाई द्वारा बुंदेली काव्य गोष्ठी का किया गया आयोजन। नीतेंद्र सिंह परमार भारत छतरपुर मध्यप्रदेश

विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत मध्यप्रदेश इकाई द्वारा बुंदेली काव्य गोष्ठी का किया गया आयोजन। आज दिनांक 6 जुलाई 2025 दिन रविवार को गायत्री शक्तिप...