🌷रूहहरण घनाक्षरी🌷
चपल चुगलखोर, चमचे है चँहु ओर।
चरित्र से चापलूस, चलें नित नई चाल ।।
नेता नित सदा संग, राजनीति रँगे रंग।
चमचो की फौज से ही, दिखता सदा धमाल ।।
योग्यता पे भारी पड़े, कानाफूसी वाला मंत्र।
बॉस के वो बिने प्रिय, रहे आज खुशहाल ।।
चमचे सफल सब, ऑफिस सदन अब।
शब्द पङ जाते कम, सचमुच बेमिसाल ।।
संजय "उमंग"
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