मधुमलती छंद
विधान:- प्रत्येक चरण में १४ मात्राए होती हैं, अंत में २१२ वाचिक भार होता है, ५~१२ वीं मात्रा पर लघु अनिवार्य होता है।
मापनी
२२१२ २२१२
मेरी विनय माता सुनो।
करदो कृपा सच माँ गुनो।।
कर धारिणी पुस्तक नमन।
महके यहा सारा चमन।।
संकट सभी के दूर हो।
कोई नही मजबूर हो।।
बस कामना है मात से।
जीवन खिले शुरुआत से।।
वीणा मधुर संगीत माँ।
रग रग बसे अब गीत माँ।।
माँ प्यार दो माँ सार दो।
जीवन यहा पर तार दो।।
शत् शत् नमन शत् शत् नमन।
में लाल हूँ माँ हो चमन।।
नित नित करूं में आरती।
जय मातु वीणा भारती।।
--- नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत "
छतरपुर ( मध्यप्रदेश )
सम्पर्क सूत्र:- 8109643725
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