Monday, August 6, 2018

भारतीय /वीरांगना

ताटंक छंद

सिर पर हैं आशीष हमारे,छत्रसाल से वीरों का।
भगतसिंह चंद्रशेखर जैसे,सावरकर रणधीरो का।।

जीत दिलाई भारत माँ को,तन मन धन सब बारा हैं।
नैनो से ही घालय करते,ब्रिटिश हुकूमत हारा हैं।।


प्रथ्वी राज वीर को देखो,बिन आँखे के मारा था।
गिर सुल्तान तब धरती पर,मोमिन दल चकराया था।।


लक्ष्मी बाई बन महारानी,झांसी राज चलाया था।
सुनो अंतिम घड़ी में उसने,सुत दामोदर पाया था।।


पन्ना धाय सी माता ये,सन्मुख कहा दिखाती हैं।
अपना बेटा कुर्बा करके,निशदिन पूजा जाती हैं।।

सरहद व दीवारे वट गई,भाई तक को वाटा हैं।
आज हमारी एकता के सिर,मुह पर मारा चाटा हैं।।

याद करो तुम युवा देश के,यह कैसी परिपाटी हैं।
भूल गये हो लगता हमको,यह बुन्देली माटी हैं।।


- नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत "
छतरपुर ( मध्यप्रदेश )
सम्पर्क :- 8109643725








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