तर्ज- बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम
सदा नैन तुमको निहारे सजन
सभी गम तुम्हारे हमारे सजन
मुहब्बत कि जब भी कहानी लिखेगी
तुम्हारी मेरी जिंदगानी लिखेगी
मेरी जाँ से ज्यादा हो प्यारे सजन
सभी गम तुम्हारे हमारे सजन
मुझे देख मरुथल में सावन बरसते
यहाँ पर हमें सब सिकंदर समझते
मगर हम तो तुमसे हैं हारे सजन
सभी गम तुम्हारे हमारे सजन
घुला साँस में जो वो संगीत तुमसे
मेरी हार तुमसे मेरी जीत तुमसे
कहां जाएं तुम बिन बता रे सजन
सभी गम तुम्हारे हमारे सजन
सदा नैन तुमको निहारे सजन
सभी गम तुम्हारे हमारे सजन
इति शिवहरे
No comments:
Post a Comment