सवैया: इसमें चरण होते हैं। प्रत्येक चरण में तुकांत होता है और गणों की व्यवस्था समान रहती है। गणों की व्यवस्था के आधार पर सवैये के कई भेद होते हैं। जैसे:
वागीश्वरी सवैया – सात यगण, एक लघु और एक गुरु ।
यमाता यमाता यमाता यमाता यमाता यमाता यमाता ल गा ।
भुजंग सवैया – आठ यगण ।
यमाता यमाता यमाता यमाता यमाता यमाता यमाता यमाता ।
मंदार माला सवैया – सात तगण और एक गुरु ।
ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज गा ।
सर्वगामी सवैया – सात तगण और दो गुरु ।
ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज गा गा ।
आभार सवैया – आठ तगण ।
ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज ।
गंगोदक सवैया – आठ रगण ।
राजभा राजभा राजभा राजभा राजभा राजभा राजभा राजभा ।
सुमुखी सवैया – सात जगण, एक लघु और एक गुरु।
जभान जभान जभान जभान जभान जभान जभान लगा ।
बाम सवैया – सात जगण और एक यगण ।
जभान जभान जभान जभान जभान जभान जभान यमाता ।
मुक्ताहरा सवैया – आठ जगण ।
जभान जभान जभान जभान जभान जभान जभान जभान ।
मोद सवैया – पाँच भगण, एक मगण, एक सगण और एक गुरु ।
भानस भानस भानस भानस भानस मातारा सलगा गा ।
मदिरा सवैया – सात भगण और एक गुरु। ऊपर बताई गयी गण-संरचना के अनुसार,
भानस भानस भानस भानस भानस भानस भानस गा ।
किरीट सवैया – आठ भगण ।
भानस भानस भानस भानस भानस भानस भानस भानस ।
मत्तगयंद सवैया – सात भगण और दो गुरु ।
भानस भानस भानस भानस भानस भानस भानस गा गा ।
दुर्मिल सवैया – आठ सगण।
सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा ।
सुंदरी सवैया – आठ सगण और एक गुरु ।
सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा गा ।
सुखी सवैया – आठ सगण और दो लघु ।
सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा ल ल ।
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