*गजल*
मतला___
अपना दिल बेकरार कौन करे,
इश्क में जां निसार कौन करे।
शे'र~
प्यार है दर्द का समंदर ये,
डूब जाएगा पार कौन करे।
कौन जाने कहां से आयेगी,
मौत का इंतज़ार कौन करे।
जिंदगी बेवफ़ा सभी कहते,
फिर भला ऐतबार कौन करे।
दिख रही हो बनावटी जैसी,
*ऐसी सूरत से प्यार कौन करे।*
प्यार है दो मुंही छुरी यारों,
दिल के टुकड़े हजार कौन करे।
मकता,~
हस्र ज़िद्दी पता मुहब्बत का,
जिंदगी को बीमार कौन करे।
आशीष पांडेय ज़िद्दी।
9826278837
20/08/2019
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