Thursday, February 13, 2020

गीत



.                *गीत सुहाने*
तर्ज:-कौन दिशा में लेके...
फिल्म:- नदिया के पार
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
साथी विन लागे मोहे,अन्जानी डगरिया।।
पीली सरसों की बहार,लाई बसन्ती उपहार।
हो मन सूना है,सूना है.....
काटे नही कटती है अन्जानी डगरिया....
                  *(१)*
हो कैसा सावन झूम के आया,तन मन आग लगाय रे।।
विन सजनी मन के मन नहीं लागे,कैसे अगन बुझाय रे।।

पिहूँ पिहूँ बोल रहा है पपीहा।
   राही के विन लागे न जिया।
कैसे करुँ मनुहार रे......
कैसे में अकेले चलूँ,अन्जानी डगरिया....
                  *(२)*
मन पंछी चातक के जैसा,स्वाति की है चाह रे।।
वन के पतंगा जल जल जाऊँ,जीवन हुआ तवाह रे।।

अब आजा पास हमारे,
     तन मन तुझको आज पुकारे।
        कैसा तेरा प्यार रे...
संग संग तेरे चलूँ ,अन्जाना डगरिया.....
                *(३)*
तेरे मेरे स्वप्न अधूरे,पूरण की एक आस रे।।
दूर भले मितवा है लेकिन,दिल तो मेरे पास रे।।
हम दोनो एक राह के राही,
      देर न कर अब आजा माही।
तू मेरा संसार रे......
खुशियों से भर मेरी ,अन्जानी डगरिया....
-------------------------------------------
🌹 *शिव गोविन्द सिंह*🌹

No comments:

Post a Comment

प्रयागराज संगम की पावन नगरी में साहित्यिक क्षेत्र में सुप्रसिद्ध संगठन "विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत" का छठवाॅं वार्षिकोत्सव मनाया गया।

दिनांक 30/11/2024 को प्रयागराज संगम की पावन नगरी में साहित्यिक क्षेत्र में सुप्रसिद्ध संगठन "विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत" का छठवाॅं ...