सादर अभिवादन के साथ ~😊🙏😊
आ. दिनेश श्रीवास्तव जी को एक ऐसे साहित्यकार के रूप में देखता हूँ, जो रचनाकार की रचनाओं को पढ़ते ही नहीं वल्कि उचित मार्गदर्शन युक्त स्नेहिल प्रतिक्रियाओं से भी रचनाकार का मान बढ़ाते हैं, हमें आपके इस गुण से कुछ सीखना चाहिए|
सच्चे अर्थों में आप साहित्य को जीते हैं, हार्दिक अभिनंदन भाई आ. दिनेश श्रीवास्तव जी, आपका स्नेह इसी प्रकार सदैव मिलता रहेगा और जय जय हिन्दी परिवार को आप सदैव नवीनता की ओर अग्रसर करते रहेंगे |
आपकी रचनाओं में गहराई के साथ विधान भावों से सुसज्जित होता है, आपकी रचनाएँ हम सब पढ़कर देख सकते हैं, आपके विषय में कितना सही कहा है| *एक स्नेहिल प्रतिक्रिया* आ. दिनेश श्रीवास्तव जी को प्रेषित करते हुए कल के स्वास्थ्य कार्यक्रम में आप सभी रचनाकारों का हार्दिक स्वागत है |👏👏👏👏🌺🙏🌺
स्नेह, सहयोग, अपनत्व से भरी रचनाकारधर्मिता हेतु कोटिशः हार्दिक बधाई आ0 दिनेश श्रीवास्तव जी |
जय-जय 😊🙏😊
🏆🙏🏆
दिलीप कुमार पाठक "सरस"
संस्थापक
विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत
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