Wednesday, May 2, 2018

मजदूर

*मजदूर *

सुबह से करे काम,बैठे नही आठोयाम।
मिलते हैं चार दाम,मजदूर नाम हैं।
हाथ कभी रूके नही,सिर कही झुके नही।
घाव सारे दुखे नही,बात यही आम हैं।।
धीरता की करें बात,होनहार वीर जात।
अमीरो को देता मात,यही सुख धाम हैं।

- नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत "
   छतरपुर  ( मध्यप्रदेश )
   सम्पर्क :- 8109643725


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