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माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को जन्मदिन दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
भू पर सदा चमकता था वो,
आसमान में पहुंचा हैं।
अटल बिहारी जी ने अपने,
मन से भारत सींचा हैं।।
सभी गुणों से ओत-प्रोत थे,
भारत रत्न को प्राप्त किया।
बैर द्वेष भावो को जिसने,
मन हृदय से समस्त किया।।
चार पत्रिका के संपादक,राष्ट्रधर्म,
दैनिक स्वदेश।
वीर अर्जुन व पाञ्चजन्य थी,
अटल बिहारी जी का देश।।
देश विदेशों मे जाकर करके,
परचम भी लहराया था।
राष्ट्र समर्पण भक्ति भाव को,
हृदय मध्य समाया था।।
सदा-ए-सरहद नामक वाली,
नीति भी अपनाई थी।
दिल्ली से लाहौर पाक तक,
बस सुविधा पहुंचाई थी।।
अपने घर को छोड़ चले क्यों,
स्वर्ग लोक को पाया हैं।
बिलख बिलख कर मन कुण्ठित हैं,
अवसर कैसा आया हैं।।
सबको हरदम साथ रखा हैं,
एकत्रित कर शाला में।
जाने क्यों तुम चले गये हो,
लिपट रंगीली माला में।।
अश्रु भी ना रोक सकूंगा,
बहते हैं वह जाने दो।
भूकंप आये आज जगत में,
हम सबको ढह जाने दो।।
कर्तव्य परायण महापुरुष था,
मत जनता का सुनता था।
सत्य झूठ का निर्णय करके,
फिर बातो को गुनता था।।
जीवन अपना न्योछावर कर,
संस्कार की शिक्षा में।
तन मन सब अर्पित कर डाला,
भारत माँ की रक्षा में।।
प्रदेश अध्यक्ष
नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत "
विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत
छतरपुर ( मध्यप्रदेश )
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