Wednesday, November 20, 2019

विदाई गीत साथी जी

गीत
मापनी - 2122 , 1212 , 22
 
बेटी क्यो   जन्म   से   पराई   है ।
क्या वो  बेटो सी नही  जाई  है ।।

बेटियाँ  हर  जगह  हुई शामिल  ।
वो भी बेटो सी बनी हैं काबिल ।।
फिर क्यो बेटी की ही *विदाई* है ।
*बेटी क्यो जन्म.................*

प्यार  करती  है  बेटियाँ  सच्चा ।
उन्हे बाबुल लगे सबसे अच्छा ।।
प्यार  का  नाम  ही   जुदाई  है ।
*बेटी क्यो जन्म.................*

बेटी का  रूप माँ,  बहन , पत्नी ।
छोड़ती ही रही पहचान अपनी ।।
पीर  सबने  ही तो     बढ़ाई  है ।
*बेटी क्यो जन्म..................*

बेटी  को  हक  मिले बेंटो जैसा ।
बेटी  से घर  खिले  बेटो जैसा ।।
बेटी  ने   सृष्टि   ये   चलाई   है ।
*बेटी क्यो जन्म.................*

बेटियो  का जो हक नही मिलता ।
फिर भी पुरुषों को सब सही लगता ।।
आज  *साथी*  करे   दुहाई   है ।
*बेटी क्यो जन्म..................*

🌻🌻🌻🌻523🌻🌻🌻🌻
कवि बृजमोहन श्रीवास्तव "साथी"डबरा

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