Thursday, June 6, 2019

छत्रसाल जी घनाक्षरी

महाराजा छत्रसाल

भारत के सूरवीर राजाओं का मान लिखूं।
वीरता रही हैं सदा जिनकी कमाल की।।
मुगलों से जीत कर,खाई कभी हार नही।
मौत को भगाते दूर,चंपत के लाल की।।
शिवाजी से मित्र मिले,चेहरे पे तेज खिले।
घोड़े पे सवार वीर,सोभा नेक भाल की।।
बैरियो पे करे बार,मानी नही कभी हार।
जय घोष होगी सदा,वीर छत्रसाल की।।

__ नीतेन्द्र भारत

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