Sunday, June 9, 2019

गीत लिखे हैं - नीतेन्द्र भारत

*_गीत लिखे हैं_*

गीत लिखे है मैंने उसके प्यार के।
गीत लिखे हैं जीत सदा संग हार के।।

गीत लिखे हैं भोली सूरत के भारत।
गीत लिखे हैं अब दिल के मनुहार के।।

गीत लिखे हैं शब्द सुमन परिभाषा के।
गीत लिखे हैं छंद युक्त श्रृंगार के।।

गीत लिखे हैं चूनर चोली चितवन के।
गीत लिखे हैं करूणा,संग अंगार के।।

गीत लिखे हैं युद्ध वीरता वीरों के।
गीत लिखे हैं खून लगी तलवार के।।

गीत लिखे हैं हरियाली सावन रिमझिम।
गीत लिखे हैं कल कल बहती धार के।।

गीत लिखे हैं पर्वत पक्षी के गुमसुम।
गीत लिखे हैं शिल्पकला कलाकार के।।

गीत लिखे हैं लैला मजनू राझा के।
गीत लिखे हैं नीर बहाती नार के।।

गीत लिखे हैं वीर शहीदी वीरों के।
गीत लिखे हैं प्रथ्वीराज के वार के।।

गीत लिखे हैं सूरज चाँद सितारों के।
गीत लिखे हैं मेघों की तकरार के।।

गीत लिखे हैं निर्मल बहती गंगा के।
गीत लिखे हैं नदियों के उद्गार के।।

गीत लिखे हैं मातु शारदे के मैंने।
गीत लिखे हैं *भारत* ने प्रतिकार के।।

*___   नीतेन्द्र भारत*

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