*_पटल सादर नमन,_*
🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏
_*विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत* द्वारा संचालित *जय जय काव्य चित्रशाला* आभाषी पटल पर उपस्थित राष्ट्र भाषा हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकारों को प्रणाम करते हुए अत्यंत हर्ष के साथ यह अवगत कराना चाहता हूँ कि , विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत पूर्व से हि अपने पुराने स्वरूप *(जनचेतना साहित्यिक सांस्कृतिक समिति )* में भी हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार व हिन्दी को राष्ट्रभाषा व वैश्विक भाषा बनाने हेतु कृत संकल्पित होकर अन्य सामाजिक व हिन्दी के साहित्यिक क्षेत्र में अनेकों सोपान को पार कर निर्बाध गति से अग्रसर होता रहा है। तथा समय समय पर हिन्दी साहित्य के सशक्त हस्थाक्षरों का भी साहित्यिक नामरण करता रहा है। आज उसी संकल्प नामकरण श्रृंखला को दोहराते हुए साहित्यिक क्षेत्र में सदैव अपने उत्कृष्ट लेखन (गीत,कविता,छंद,गजल लेख) से माँ हिन्दी की सेवा करने वाली तथा विश्व जनचेतना ट्रस्ट द्वारा संचालित *जय जय हिन्दी* पटल पर तन्मयता के साथ अपने साहित्य लेखन से पटल को सुसज्जित करने वाली_
*_आद.इंदु शर्मा जी (जयपुर,राजस्थान)_*
_को साहित्यिक उपनाम से सुशोभित किया जाना है।_
🥀🌿🥀🌿🥀🌿🥀🌿🥀🌿🥀
_आपके साहित्यिक उपनामकरण का पुनीत कार्य मुझे सौंपा गया है। आज जय जय काव्य चित्र शाला में हिन्दी साहित्य जगत के माँ शारद पुत्रों व मनीषियों की गौरवमयी उपस्थित में ट्रस्ट की ओर आपको साहित्यिक उपनाम_
🌺🌱🌺🌱 *_"मेधा"_* 🌱🌺🌱🌺
_से अलंकृत किया जाता है।_
🍃🌹🍃🌹🍃🌹🍃🌹🍃🌹🍃
_अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि आभाषी पटल के मंच पर आकर यह उपनाम सादर ग्रहण कीजिए व मुझे अंतस मन से गौरन्विवित होने का सुअवसर प्रदान करें। विश्व जनचेतना ट्रस्ट आपके उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना करता है व भविष्य में आपसे साहित्यिक स्नेहाशीष के अपेक्षा करता है।_
🌷🌲🌷🌲🌷🌲🌷🌲🌷🌲🌷
_साथ ही मुझे इस साहित्यिक नामकरण पत्र को माननीया जी को प्रदान करने हेतु जो पुनीत कार्य दिया है, इतेहुक विश्व जनचेतना के समस्त आदरणीय पदाधिकारियों का भी ह्रदय की अनंत गहराईयों से सादर आभार प्रकट करता हूँ।_
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 *_शीतल प्रसाद_*
✉ *_उकवा,बालाघाट(म.प्र.)_*
नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत "
छतरपुर ( मध्यप्रदेश )
No comments:
Post a Comment