कैसे छोटा परिवार सुखी।:-
पापा से अलग यदि होने की जो सोचते हैं।
सोचना कभी भी नही गलती महान हैं।
भूमि मेरी मात सुनो सबको बताऊ आज।
सिर पे पिता का हाथ जैसे आसमान हैं।।
कहते हो आप छोटा होता परिवार सुखी।
छोटा परिवार जहा होता नही मान हैं।।
होते बड़े बूढ़े जहा,बसते दिलो में मेरे।
कहता हूँ नेक परिवार मेरी जान हैं।।
- नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत "
छतरपुर ( मध्यप्रदेश )
सम्पर्क :- 8109643725
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