Wednesday, March 20, 2019

आ० हीरालाल यादव जी

*ग़ज़ल*
221 212 221 212

रंगों  से दिल हुए  गुलज़ार देख लो।
होली का आ गया  त्यौहार देख लो।

रंग  ओ  गुलाल  से पट सी गई धरा
भूले  हैं आज  दुख, बीमार देख लो।

मस्ती  घुली  हुई  चारों तरफ़ दिखे
इनकार  भी  लगे  इकरार देख लो।

दिल से निकाल दो रंजिश एै दोस्तों
देती नहीं है कुछ तकरार देख लो।

पाओगे दिल में क्या नफरत को पाल कर
जीवन  का  प्यार  है आधार देख लो।

मिलता जरूर है कठिनाईयों का हल
खुद पर भरोसा कर, इक बार देख लो।

दुश्मन  कोई  नहीं  *हीरा* जहान  में
दिल से जता के बस तुम प्यार देख लो।

                    हीरालाल

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