🌸बुंदेली गीत 🌸
(हास्य रस)
दूरई सें हमको रिझावती।
पास गोरी काहे न आवती।।
सजधज के पनिया तुम भरवे खों जाती।
मोरे दिल की घंटी खो टन टन बजाती।
नैनन से पैंच तुम लड़ावती - - -
पास गोरी काहे - - -
मुस्का कै हामी सी भरके तुम जाती।
वाट हम हेरत रँय, लोट के न आती।
रोजई तुम बुद्दु बनावती - - -
पास गोरी काहे न - -
सपनन में तुम दल्लु दूल्हा बने हम।
चइया मइया पर गई ती हो गई पूरी रस्म।
नींद खुली तुम न दिखावती - - -
पास गोरी काहे न - - - -
🌹संजय "उमंग"🌹
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