शक्ति स्वरूपा जानिए, सारे आत्मस्वरूप ।
यही मानवी लक्ष्य है, यही लक्ष्य का रूप ।।
यही लक्ष्य का रूप,तत्व यह जाग्रत, चेतन।
धारण करे निवास , देह के रूप अचेतन ।।
कह"अनंग"करजोरि , यही भूपों का भूपा ।
साधन है यह देह , आत्मा शक्ति स्वरूपा ।।
अनंग पाल सिंह भदौरिया"अनंग"
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