*◆शुभमाल छंद◆*
शिल्प:- जगण जगण (121 121),
दो-दो चरण तुकांत,
[6 वर्ण प्रति चरण]
जपो हरि नाम।
सदा सुख धाम।।
मिले सुख चैन।
कटे तम रैन।।
सिया भरतार।
करें भव पार।।
यही जग सार।
न "सोम"विचार।।
~शैलेन्द्र खरे"सोम"
आप सभी के लिए एक नये रूप में। साहित्यिक सांस्कृतिक सामाजिक जानकारी। प्रदेश अध्यक्ष नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत " विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत छतरपुर ( मध्यप्रदेश )
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