*◆ मंदाक्रान्ता छंद ◆*
विधान~
[{मगण भगण नगण तगण तगण+22}
( 222 2, 11 11 12, 21 221 22)
17 वर्ण, यति 4, 6, 7 वर्णों पर, 4 चरण
[दो-दो चरण समतुकांत]
लाया हूँ मैं, नमन करने, गीत ये छंद सारे।
हीरे जैसे, जगमग लगे, सूर्य चन्दा सितारे।।
नैना खोलें, गुरुवर कृपा, आप ही हैं सहारा।
वाणी दी है, कलम मसि भी, छंद से है उबारा।।
*©मुकेश शर्मा "ओम"*
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