Wednesday, May 15, 2019

चौपाई छंद "ओम" जी

चौपाई छंद

रजत  जयंती  है  शुभ  आई।
मुझको आज  मिली परछाई।।
प्रेरक  हर  पग है  नित वामा।
अनमोल कथन दें बिन दामा।।

मीठी   वाणी  जब - जब  बोले।
ओम-हृदय अरु  तन  मन डोले।।
चितवन कोमल है अति शीतल।
चलती  जैसे  मृग   या   चीतल।।

महक  उठा  चंदन - सा जीवन।
चहक गया प्रतिपल यह यौवन।।
आधा  था  अब  पूर्ण  किया है।
पूर्ण   किया   सम्पूर्ण  किया है।।
              *©मुकेश शर्मा "ओम"*

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