*◆अहीर छंद◆*
विधान~प्रति चरण 11 मात्राएँ,
चरणान्त जगण(121)
[दो दो चरण तुकांत।]
वर्ष - गाँठ शुभ नाथ।
जन्म-जन्म यह साथ।।
बंधन अरु यह प्रीत।
हो सप्त -जन्म रीत।।
जोड़ी लख कर सृष्टि।
ओम हटे नहिं दृष्टि।।
सीता राम समान।
राधे श्याम समान।।
करता हूँ गुणगान।
होवे नहीं बखान।।
प्रस्तुत करूँ प्रमाण।
ये हृदय अरु प्राण।।
*©मुकेश शर्मा "ओम"*
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