Wednesday, May 15, 2019

अहीर छंद ओम जी

*◆अहीर छंद◆*
विधान~प्रति चरण 11 मात्राएँ,
चरणान्त जगण(121)
[दो दो चरण तुकांत।]

वर्ष - गाँठ  शुभ  नाथ।
जन्म-जन्म  यह साथ।।
बंधन  अरु  यह  प्रीत।
हो  सप्त  -जन्म   रीत।।

जोड़ी लख कर सृष्टि।
ओम  हटे   नहिं दृष्टि।।
सीता    राम   समान।
राधे    श्याम   समान।।

करता    हूँ   गुणगान।
होवे    नहीं    बखान।।
प्रस्तुत  करूँ  प्रमाण।
ये   हृदय  अरु प्राण।।
        *©मुकेश शर्मा "ओम"*

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