*ग़ज़ल*
बहर:- 2122 2122 212
रदीफ़- है।
काफ़िया:- आस।
वीर सैनिक ने रचा इतिहास है।
जिन्दगी से दूर दिल के पास है।।
जान भी कुर्बान कर दी शान से।
आम से तब बन गया वो खास है।।
बढ़ रही है पीर भारत देश की।
कम करें मिलकर यही विश्वास है।।
क्यों नहीं करते हिफाज़त मुल्क की
बढ़ रही हिंसा मुझे आभास है।।
वीरता के गीत *भारत* गा रहा।
भारती के भाव में ही वास है।।
नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत "
छतरपुर ( मध्यप्रदेश )
सम्पर्क सूत्र :- 8109643725
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