Monday, September 30, 2019

व्याकरण रोला

दोहा, सोरठा , रोला  और चौपाई छंद -
  समानताएं -
१. चारों मात्रिक छंद।
२. चारों में चार चरण
३. सोरठा व रोला के विषम छंद में १३-१३ मात्राएं।
४.सोरठा  व रोला के सम चरणों में ११-११ मात्राएं।
विषमताएं -

५. दोहा के ठीक उल्टा सोरठा।
६. दोहे के विषम चरणों में १३-१३ मात्राएं।
७.  दोहे के सम चरणों में ११-११ मात्राएं।
८. चौपाई में  प्रत्येक चरण में १६-१६ मात्राएं।

चरणांत -
दोहा - सम चरणों के अंत में एक गुरु और एक लघु (21) आवश्यक।

सोरठा - विषम चरणों के अंत में एक गुरु व एक लघु  (21) मात्रा आवश्यक।

रोला - ११ वीं  और १३ वीं मात्रा पर विराम।
चरणांत - गुरु गुरु (22) आवश्यक।

चौपाई -  चरणांत दो गुरु गुरु  (22) या  गुरु लघु लघु ( 211) या लघु गुरु गुरु (211) या चार लघु अर्थात लघु लघु लघु लघु (1111) आते हैं।

Thursday, September 19, 2019

सम्पूर्ण आयोजन ट्रस्ट भारत

*विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत का कार्य विवरण एवं प्रोफाइल*

जनचेतना साहित्यिक सांस्कृतिक समिति पंजी० २२६ की वार्षिक गतिविधियाँ
⭕ १२ जून को समिति द्वारा प्रथम आनलाइन काव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें ५० से अधिक साहित्यकारों को वरदा अलंकरण सम्मान पत्र प्रेषित किया गया|

⭕ इलेक्ट्रानिक मीडिया साहित्य  में प्रगति हेतु १२ जुलाई को हिन्दी भाषा उन्नयन के क्रम में   आनलाइन  "जय जय हिन्दी" आभासी समूह (वाट्सएप समूह) का नामकरण एवं "जय - जय हिन्दी व्याकरण शाला"  का उद्घाटन किया गया | जिसमें निरन्तर हिन्दी भाषा  का गूढ़तम अध्यापन जयपुर राजस्थान के सुप्रसिद्ध वैयाकरण आ० भगत सहिष्णु जी द्वारा अनवरत जारी है|

⭕  ०३ सितम्बर २०१७ को राष्ट्र प्रेम  पर आयोजित आनलाइन कार्यक्रम में "राष्ट्र नाद अलंकरण" प्रदान करने हेतु  _'सारस्वत सम्मान समारोह'_  का आयोजन किया गया | जिसमें ५० (पचास) साहित्यकारों को सम्मानित किया गया|

⭕  ०५ सितम्बर २०१७ को शिक्षक दिवस  पर आयोजित आनलाइन प्रतियोगिता में विजेताओं को  अलंकरण सम्मान पत्र प्रदान किया गया|

⭕ २० अक्टूबर २०१७ को गोवर्धन पूजा के अवसर पर आयोजित प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को "शब्दांकुर अलंकरण"  सम्मान पत्र प्रदान किया गया|

⭕  १८ नवम्बर २०१७ को समिति द्वारा प्रथम प्रादेशिक काव्य सम्मेलन नवदिया, सितारगंज, बीसलपुर  की घरती पर आयोजित हुआ| जिसमें वरिष्ठ एवं नवयुवा कवियों ने शानदार काव्यपाठ द्वारा श्रोताओं को मंत्र -मुग्ध कर दिया| प्रतिभागी कवियों को "वाणी पुत्र अलंकरण" सम्मान पत्र एवं दोशाला भेंट कर सम्मानित किया गया|

⭕. जनचेतना साहित्यिक सांस्कृतिक समिति द्वारा अनवरत विभिन्न प्रकार के विषयों पर विभिन्न विधाओं में सर्जन दैनिक रूप से जारी हैं| जिसमें श्रेष्ठ  रचनाकारों/ छन्दकारों एवं समीक्षकों को नित्य सम्मानित किया जाता है | छन्दों के सर्वश्रेष्ठ विद्वान परम आदरणीय  शैलेन्द्र खरे 'सोम' गुरुदेव द्वारा नित्य नूतन छन्दों को सीखकर समिति के सदस्य हिन्दी का नवयुग रचने को तैयार हैं|  

⭕ जनचेतना साहित्यिक सांस्कृतिक समिति (पंजी० २२६) बीसलपुर पीलीभीत उ० प्र० द्वारा "जय जय हिन्दी विशेषांक" का प्रकाशन किया जा रहा है जिसमें भारतवर्ष के कई राज्यों के साहित्यकारों की विभिन्न विषय पर रचनाओं का मिश्रित संकलन किया गया है, जो विशेषांक के सौन्दर्य की गाथा दर्शा रहा है|
                          
⭕ 21-01-2018  को  तारा बैंकट लांन में नन्दिनी काव्य संग्रह का विमोचन एवं राष्ट्रीय काव्य सम्मेलन का भव्य आयोजन हुआ |

⭕ 22-01-2018 को बीसलपुर, बिहारी जी पब्लिक स्कूल के पास कवि सम्मेलन रात में हुआ जिसमें राजस्थान के हिन्दी वैयाकरण भगत सहिष्णु जी उपस्थित रहे|

⭕ 30-5-2018 को परसिया, बीसलपुर  में पत्रकारिता दिवस पर कवि सम्मेलन एवं पत्रकार सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ |

⭕ सक्षम माइक्रो फाइनेंस बरेली में कवि सम्मेलन आ० अवधेश मिश्रा जी द्वारा करवाया गया|

⭕ 5 सितम्बर 2018 को शिक्षक सम्मान समारोह सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कालेज बीसलपुर में किया गया|

⭕ राष्ट्रीय एवं विश्व स्तर पर कार्यक्षेत्र को बढ़ाने एवं समिति को सांस्कृतिक, साहित्यिक, सामाजिक एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में समाज सेवा करने हेतु विश्व जनचेतना  "ट्रस्ट" में परिवर्तित कराकर पंजीयन कराया गया (रजि० संख्या 3011) जिसका कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण विश्व है|

⭕ 5-12-2018 को विश्व जनचेतना ट्रस्ट स्थापना के उपलक्ष्य में आ० दिलीप कुमार पाठक सरस जी के निवास पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया|

⭕  _विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत की गतिविधियाँ_
_विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत छतरपुर, मध्यप्रदेश इकाई_ के तत्वावधान में  03 फरवरी 2018 को छत्रसाल स्मारक न्याय छतरपुर में *अखिल भारतीय कवि सम्मेलन* तथा *मुहब्बत ग़ज़ल संग्रह* का भव्य विमोचन हुआ, जिसमें संस्थापक दिलीप कुमार पाठक "सरस" जी, अध्यक्ष कौशल कुमार पाण्डेय "आस" जी, सचिव राजेश मिश्र "प्रयास" जी, आलोक सैनी जी (बीसलपुर,पीलीभीत उ.प्र.) और बिहार इकाई के अध्यक्ष पं० सुमित शर्मा "पीयूष" जी (पटना, बिहार ) एवं बनारस इकाई जिला अध्यक्ष डॉ० लियाकत अली "जलज" जी, संतोष कुमार "प्रीत" जी, शैलेश जी, बावरा जी, विश्वेश्वर शास्त्री विशेष जी (राठ,हमीरपुर) तथा छतरपुर से छन्दगुरु शैलेन्द्र खरे "सोम" जी, तुलाराम अनुरागी जी तथा छतरपुर नगर के अनेक वरिष्ठ साहित्यकार उपस्थित रहे| कार्यक्रम संयोजक नीतेन्द्र सिंह परमार "भारत" रहे|

⭕  01 सितंबर को 2019 को *"मनोज स्मृति संध्या समारोह"* छतरपुर में सम्पन्न हुआ जिसके  आयोजक डॉ० राघवेंद्र उदैनियाँ "स्नेही" जी तथा संयोजक नीतेन्द्र सिंह परमार "भारत" जी रहे।

⭕  19 मार्च 2019 को *"होली के रंग कवि सम्मेलन के संग"* कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें सभी प्रतिभागियों को *"प्रह्लाद अनुराग सम्मान"* से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के संचालक नीतेन्द्र भारत रहे।

⭕   12 मई 2019 को आयोजित *"मातृ शक्ति को समर्पित कवि सम्मेलन"* सम्पन्न हुआ। सभी को *मातृशक्ति सम्मान* से अलंकृत किया गया। अलंकरण प्रमुख सुमित शर्मा पियूष जी तथा कार्यक्रम संचालक नीतेन्द्र भारत रहे।

⭕  14 अगस्त 2019 को राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित *"लोकतंत्र के नाम ओजस्वी शाम"* भव्य ऑनलाइन कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। सभी को उन्मुक्त सम्मान से अलंकृत किया गया। अलंकरण प्रमुख सुमित शर्मा पियूष जी तथा संचालक नीतेन्द्र भारत रहे।

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         निवेदक
विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत
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बलवीर सिंह वर्मा "गीत"

नमन मंच
दिनांक - 19/9/2019
आज का कार्य - गीत लेखन
मापनी - दोहा गीत

श्राद्ध  पक्ष  में  सब  करें,  पितरों  का  सम्मान।
तर्पण  करते   है   सभी,  करें   दक्षिणा   दान।।

पितरों का  मन  तृप्त  हो, लगते  छप्पन  भोग।
पुण्य श्राद्ध से तब मिले, कहते  हैं  सब  लोग।।
कौओं को भोजन खिला, पकते नित पकवान।
तर्पण  करते  हैं   सभी,  करें   दक्षिणा   दान।।

होती  पूजा   श्राद्ध   में,  रोज   चढ़ाए    फूल।
पोछें नहि फिर साल भर, फ़ोटो  से  भी धूल।।
सोलह श्राद्ध खूब करे,  सुबह  शाम  गुणगान।
तर्पण  करते  हैं  सभी,  करे   दक्षिणा   दान।।

मात-पिता का ध्यान कर,धर्म-कर्म नहि छोड़।
दुःख-दर्द को  बाँट  ले, आडम्बर  सब  तोड़।।
जीते  जी  सेवा  करें,  वही   श्राद्ध   तू   जान।
तर्पण  करते  है  सभी,  करें   दक्षिणा   दान।।

स्वरचित
बलबीर सिंह वर्मा
रिसालियाखेड़ा सिरसा (हरियाणा)

Wednesday, September 18, 2019

18/09/2019 समीक्षक:- जितेन्द्र दिव्य जी

*आज की समीक्षा उल्लाला छंद में*
👏👏👏👏👏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌹😆

वंदन  बारंबार  है, चरण  धूल  गुरु  सोम  की।
जब से पाया आपको,शक्ति फलित नित ओम की।।
दीजे  आर्शीर्वाद  को, करूँ  समीक्षा  आज मैं।
भूल चूक मेरी क्षमा,सफल अंतत: काज मैं।।

अलंकार अनुपम छटा ,लिए अनुज प्रिय तेज जी
जपते राधे  श्याम को, छोड़ी  ज्यों  ही  सेज जी
लेकर  दोहा  छंद  को ,आये  निषादराज  जी।
भाव शिल्प कथ ठीक है,टंकण त्रुटियाँ आज भी।।

भावुक दोहा छंद ले, सुमिर प्रात जगदीश को।
सुंदर सबका हो दिवस, झुका रहे है शीश को|
टंकण त्रुटियाँ भी दिखे,करना मीत सुधार को ।
कैसे मन निर्मल रहे,निर्मल  दा कह  सार को ।|

महिमा जसुदा नंद की, शचि दीदी बतला रहीं।
भाव कथ्य अनुपम रहा,टंकण त्रुटियाँ हैं कहीं||
आये  दादा  सरस दा, छंद  चंद्रिका  साथ में|
अद्भुत  भाव  विखेरते ,जो  भी  आया पाथ में|।

मातु शारदे की वंदना, मनु करते हैं ध्यान से।
चक्षु द्वार माँ  खोलिए, अपनी वीणा तान से।।
टंकण त्रुटियाँ दिख रही, इस घनाक्षरी छंद में।
शुचि दी के दोहे कहे, मैं नहीं नहीं हूँ बंध में|।

पन्ना ने पन्ना लिखा,गौरव क्षण इतिहास का।
त्याग मूर्ति करुणा दया,भरा जोश उल्लास का।।
लिखा फुलारा मीत ने, छंद  सवैया  ध्यान से|
बहुत बधाई आपको, अच्छा  लगा विधान से।।

राधेश्यामी  छंद में ,कींन्ह  वंदना  शारदे|
धस्माना दी कह रहीं,मातु मुझे भी सार दे||
भाव कथ्य तो ठीक है,गडबड़ लगा विधान जी|
करूँ निवेदन आप से, आगे देना ध्यान जी||

भावों का झरना मिला, झरना जी की बात में|
बेटी सबकुछ त्यागती,ढल जाती अनुपात में||
कुण्डलिया ले आ गए, बैरागी बाबा सुनो|
दिया जोर है कर्म पर,त्याग महत्वा को गुनो||

आई दीदी सीप जी,लिए गजल को साथ में|
किया करारा वार सच,फैशन है हर पाथ में||
आज विषैले आचरण,लगा रहे नित दाग को|
वर्तमान  परिवेश  ये, हवा  दे रहा आग को||

अंतिम रचना रश्मि दी, देती शुभ संदेश को|
सेवा  सबसे  है बड़ी, नहीं  भूलना  देश को||
दिव्य समापन पर चला, क्षमा कीजिए भूल को|
नमन मंच को मैं करूँ, गुरुवर दो पग धूल को||

~जितेन्द्र चौहान "दिव्य"

हिंदी बोलने का प्रयास करें।

*हिन्दी बोलने का प्रयास करें!!!!*

ये हैं वो उर्दू के शब्द जो आप प्रतिदिन प्रयोग करते हैं, इन विदेशी शब्दों को त्याग कर मातृभाषा का प्रयोग करें:-

ईमानदार       - निष्ठावान
इंतजार         - प्रतीक्षा
इत्तेफाक       - संयोग
सिर्फ            - केवल, मात्र
शहीद           - बलिदानी
यकीन          - विश्वास, भरोसा
इस्तकबाल    - स्वागत
इस्तेमाल       - उपयोग, प्रयोग
किताब         - पुस्तक
मुल्क            - देश
कर्ज             - ऋण
तारीफ          - प्रशंसा
तारीख          - दिनांक, तिथि
इल्ज़ाम         - आरोप
गुनाह            - अपराध
शुक्रिया          - धन्यवाद, आभार
सलाम           - नमस्कार, प्रणाम
मशहूर           - प्रसिद्ध
अगर             - यदि
ऐतराज          - आपत्ति
सियासत        - राजनीति
इंतकाम          - प्रतिशोध
इज्जत           - मान, प्रतिष्ठा
इलाका           - क्षेत्र
एहसान          - आभार, उपकार
अहसानफरामोश - कृतघ्न
मसला            - समस्या
इश्तेहार          - विज्ञापन
इम्तेहान          - परीक्षा
कुबूल             - स्वीकार
मजबूर, लाचार - विवश
मंजूरी             - स्वीकृति
इंतकाल, मौत  - मृत्यु, निधन, देहावसान
बेइज्जती         - तिरस्कार
दस्तखत          - हस्ताक्षर
हैरानी              - आश्चर्य
कोशिश            - प्रयास, चेष्टा
किस्मत, नसीब  - भाग्य
फैसला             - निर्णय
हक                 - अधिकार
मुमकिन           - संभव
फर्ज                - कर्तव्य
उम्र                  - आयु
साल                - वर्ष
शर्म                 - लज्जा
सवाल              - प्रश्न
जवाब              - उत्तर
जिम्मेदार          - उत्तरदायी
फतह               - विजय
धोखा               - छल
काबिल             - योग्य
करीब               - समीप, निकट
जिंदगी              - जीवन
हकीकत            - सत्य
झूठ                  - मिथ्या, असत्य
जल्दी                - शीघ्र
इनाम                - पुरस्कार
तोहफा              - उपहार
इलाज               - उपचार
हुक्म                 - आदेश
शक                  - संदेह
ख्वाब                - स्वप्न
तब्दील।             - परिवर्तित
कसूर                 - दोष
बेकसूर              - निर्दोष
कामयाब            - सफल
गुलाम                - दास

इनके अतिरिक्त हम प्रतिदिन अनगिनित उर्दू शब्द का प्रयोग में लेते हैं।
*भाषा बचाइये , संस्कृति बचाइये*

_*हिंदी दिवस की शुभकामनाएं!*_
🙏😌🙏

Tuesday, September 17, 2019

ग़ज़ल आ० हीरा लाल यादव जी

*ग़ज़ल*

212 212 212 212

मुस्कुराहट   लबों   पे   सजाया   करो।
ज़िन्दगी     ख़ूबसूरत    बनाया    करो।

कर्ज़  धरती   का  ऐसे  चुकाया  करो।
पेड़-पौधे    हमेशा     लगाया    करो।

दिन  जो  थोड़े  से  हैं ज़िन्दगी  के बचे
नफ़रतों   में   न   इनको  गँवाया  करो।

होगा हासिल न कुछ भी ग़मों के सिवा
कोई  रिश्ता  न  तुम आज़माया  करो।

जिसकी उम्मीद दुनिया से करते हो तुम
काम ख़ुद भी वो कर के दिखाया करो।

बरक़तें   माँ-पिता   के   हैं आशिष  में
शीश चरणों में  उनकी  झुकाया  करो।

आपको  रब  ने बख़्शा है जो भी हुनर
वो  हुनर   दूसरों  को  सिखाया   करो।

कामयाबी   मिलेगी    यकीनन    तुम्हें
कर्म  से  बस  न  जी  तुम चुराया करो।

चैन   *हीरा*  है  पाना  अगर  ज़ीस्त  में
पाप   से  अपना   दामन बचाया  करो।

                 हीरालाल

ग़ज़ल शम्भू लाल जालान "निराला"

शम्भू लाल जालान *निराला*

        🌹  ग़ज़ल   🌹

जो  यादों का तेरी सहारा न होता
किसी तौर अपना गुज़ारा न होता।

न आंखें बरसती न यूं कांपते लब
ज़ुदाई का ग़र वो नज़ारा न होता।

अगर तेरे दामन की हसरत न होती
तो आवाज़ देकर पुकारा न होता।

न चलती कभी नफ़रतों की ये आंधी
जो इसां ने इसां को मारा न होता।

अगर जान जाता तेरी बेवफ़ाई
कभी तुझको दिल में उतारा न होता।

*निराला* समय पर जो तुम चेत जाते
तो धोखा कभी भी दुबारा न होता।

🌹🌹🌹 निराला  🌹🌹🌹

Monday, September 16, 2019

आ० सोम जी

◆राधेश्यामी छंद(मत्त सवैया)◆

विधान-
32 मात्राएँ प्रति चरण,16,16 यति,
चरणान्त गुरु।दो-दो चरण समतुकांत।

किसने शिव सायक भंग किया,
           जड़ जनक अभी दे बता मुझे।
जो मुझसे तनिक छुपायेगा,
                रिस मेरी है सब पता तुझे।।
हो वेग सभासद सावधान,
                मैं जो कहता हूँ सुनो सभी।
आये वो शिव द्रोही सम्मुख ,
                   मारा जायेगा यहीं अभी।।

सुन जनक राज्य की सीमा तक,
                    पलटा दूँगा मैं धरनी को।
मैं नहीं किसी की बात सुनूँ,
               तुम भोगोगे निज करनी को।।
अब रोक सकेगा मुझे कौन,
                    इच्छा से आता जाता हूँ।
क्षत्रिय कुल नाशी अति क्रोधी,
                    मैं परशुराम कहलाता हूँ।।

नृप लगे काँपने सब थर-थर,
                  करजोर यथावत खड़े रहे।
आये लगि दंड प्रणाम करत,
             मिथिलेश विनय कर बैन कहे।।
हे भगवन दया दृष्टि होवे,
             शुभ अवसर कृपा अपार करो।
मम धन्य भाग्य पदरज पाई,
               आकर आसन स्वीकार करो।।

                            ~शैलेन्द्र खरे"सोम"

Sunday, September 15, 2019

ग़ज़ल:- हीरा लाल यादव

*ग़ज़ल*
121 22 121 22

बदी के पथ पर चला न करना।
गुनाह   ऐसा  किया  न करना।

मिला  हो  धोखा  तुम्हें  भले ही
मगर किसी से  दग़ा न करना।

करो जो करना हो अपने दम पर
किसी का  रस्ता तका न करना।

वो होगा लिक्खा नसीब में जो
फिजूल डर में जिया न करना।

लगा लिया है किसी से दिल तो
ग़मों का हर्गिज़ गिला न करना।

किसी भी झूठे गुमाँ में पड़ कर
हवा में हर्गिज़ उड़ा न करना।

निभाना मुश्किल हो जिसका *हीरा*
कभी वो रिश्ता रखा न करना।

              हीरालाल

Thursday, September 12, 2019

आ० हीरा लाल जी ग़ज़ल

*ग़ज़ल*
212 212 212 212

चाँद  तारों  की  यूँ  कामना मत करो।
दायरा  ख़ुद  दुखों का बड़ा मत करो।

ज़िन्दगानी   की   राहें  हैं  काँटों  भरी
मूँद  कर  अपनी आँखें चला मत करो।

पाल  कर दिल में झूठा कोई भी गुमाँ
भूल  कर  भी  हवा में उड़ा मत करो।

सब पे रहती है हर पल ख़ुदा की नज़र
कोई  धोखा  किसी से किया मत करो।

मेरी   साँसें   हैं  चलतीं  तुम्हें  देखकर
दूर  नज़रों   से   मेरी   रहा मत   करो।

बिजलियाँ  दिल पे गिरती हैं मेरे सनम
तुम रक़ीबों से हँस कर मिला मत करो।

ज़िन्दगी  मौत   हाथों  में ईश्वर  के  है
आगे  इंसाँ  के *हीरा* झुका  मत  करो।

                    हीरालाल

आ० आलोक कुमार मुकुंद जी दोहा ग़ज़ल

💐 *पहली दोहा गजल* 💐

बैरी की औकात क्या, बदल रहा है देश।
पीड़ा की सौगात क्या, बदल रहा है देश।।
🌾

देश प्रेम में जो रहा, सरहद खड़ा जवान,
उसके रिश्ते नात क्या, बदल रहा है देश।
🌾

नतमस्तक हैं जो हुए, लहू पड़ा है शांत,
देना उनको मात क्या, बदल रहा है देश।
🌾

बसे मीरजाफर बहुत, भेदी है जयचन्द,
गद्दारों की जात क्या, बदल रहा है देश।
🌾

लातों के आदी हुए, अब समझाना छोड़,
करना उनसे बात क्या, बदल रहा है देश।
🌾

गद्दारी  की   खोल   के, बैठे  यहाँ दुकान,
गिनना उनके घात क्या, बदल रहा है देश।
🌾

नजर साध कर तुम चलो, पाना है बस लक्ष्य,
बिगड़ें  फिर  हालात क्या, बदल रहा है देश।।
🌾
                   *✒ आलोक मिश्र 'मुकुन्द'*

परिचय :- आ० संतोष कुमार "प्रीत" जी ( 8 )

स्वपरिचय

नाम~संतोष कुमार श्रीवास्तव

साहित्यिक नाम ~प्रीत

पिता का नाम~स्व0 नागेंद्र कुमार श्रीवास्तव

माता का नाम ~सावित्री देवी

जन्मतिथि~24/03/1975

पत्नी और बच्चों के नाम~ श्रीमती प्रीति श्रीवास्तव

पुत्र ~ आकाश(19 वर्ष)
पुत्री- अक्षिता(13 वर्ष)

शैक्षिक योग्यता ~ एम. एस. सी. (आई.टी.)

मेरी रुचि~साहित्य व आध्यात्म एवम यथासम्भव लोगो की मदद करना।

व्यवसाय~अध्यापन(आटोकैड)

पता सम्पर्क नम्बर सहित~एस 3/55 ए 1 डीठोरी महल अर्दली बाजार वाराणसी उ0प्र0
मो0 9140089002
ई मेल ~ skprit1975@gmail.com

साहित्य यात्रा का प्रारम्भ वर्ष~2016

साहित्यिक उपलब्धियाँ~मंच साझा करने के सुअवसर, आकाशवाणी से एकल काव्य पाठ।
|
पत्र-पत्रिकाओ में प्रकाशित~समर्पण,ज्ञानशिखा टाइम्स,हाट रन, आदि |

सम्मान पत्र विवरण ~अनेक मंचों,संस्थाओं,अधिकारियों से विभिन्न सम्मान |

अन्य उपलब्धियाँ ~सचिव(वाराणसी इकाई)विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत ।

उन रजिटर्ड संस्थाओं के नाम जिनके आप स्थायी सदस्य हैं~विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत, सद्भावना,उद्गार साहित्य।|

विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत के विषय में मेरे दो शब्द~ साहित्यिक सेवा के क्षेत्र में एक सराहनीय पहल।

मेरा संदेश~अपने अपने हिस्से का योगदान अगर सभी सदस्य ईमानदारी व निष्ठा से करें तो इसे बहुत आगे तक ले जाया जा सकता है |

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परिचय :- आ० हरीश बिष्ट जी ( 7 )

संक्षिप्त जीवन परिचय
******************
नाम - हरीश बिष्ट
(स्कूल का नाम - हरी सिंह )
जन्मतिथि -30/07/1980 ।
जन्म स्थान - रानीखेत (अल्मोड़ा) उत्तराखण्ड ।
पिताजी का नाम- स्व. श्री उमेद सिंह बिष्ट
माताजी का नाम - श्रीमती पार्वती देवी
योग्यता - एम. ए.- अर्थशास्त्र
व्यवसाय - नौकरी

विधा - कविता एवं गीत घनाक्षरी , दोहा ।
****
मूल निवास :-
*********
ग्राम -मटेला, पो.ओ.-दड़माड़
तहसील- द्वाराहाट रानीखेत , जिला - अल्मोड़ा,
।। उत्तराखण्ड ।। पिन कोड - 263645

वर्तमान निवास  :-
***********
5/1फर्स्ट फ्लोर , नानकपुरा
मोती बाग, नई दिल्ली , पिन कोड -110021

विशेष रुचि :-
*********
पठन-पाठन तथा लेखन कार्य एवं पर्वतीय सांस्कृतिक कल्याण मंडल एवं रामलीला कमेटी मोती बाग नई दिल्ली के द्वारा आयोजित रामलीला कार्यक्रम के तहत अभिनय मंचन में विशेष रुचि ।

प्रकाशित सांझा काव्य संकलन :-
*************************
अरुणोदय , अभिब्यक्ति , अर्पण ,
नवचेतना , भावकलश ।
आगामी प्रकाशित होने वाला सांझा-काव्य संग्रह "निलाम्बरा" (८सितम्बर २०१९ को)

प्रतिभागिता :-
**********
आगमन समूह द्वारा आयोजित 'भावकलश'
सांझा काव्य संकलन के विमोचन के तहत मंच से काव्य पाठ , विश्व जनचेतना मंच भारत द्वारा आयोजित जय जय चित्रशाला पटल पर ऑनलाइन काव्य गोष्ठि के तहत काव्यपाठ , साहित्य संगम संस्थान के तहत ऑनलाइन काव्यगोष्ठि के तहत काव्यपाठ ।

सम्मान :-
******
विश्व जनचेतना मंच भारत द्वारा प्राप्त "भारत विभूति " सम्मान , अखिल भारतीय साहित्य परिषद् द्वारा
मासिक प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभागिता के लिए सम्मान प्राप्ति तथा उपरोक्त सांझा काव्य संकलनों के तहत प्राप्त सम्मान पत्र , साहित्य संगम संस्थान द्वारा प्रदत्त
'वसुधैव कुटुंबकम् गौरव' सम्मान , दैनिक प्रतियोगिता के तहत 'श्रेष्ठ रचनाकार' सम्मान , विश्व जनचेतना मंच "भारत" द्वारा होली के अवसर पर आनलाईन काव्यगोष्ठि के तहत प्रदत्त 'प्रहलाद अनुराग ' सम्मान  अन्य बहुत से सम्

परिचय:- आ० नीतेन्द्र सिंह परमार "भारत" जी ( 6 )

परिचय

नाम:- नीतेन्द्र सिंह परमार

साहित्यक   नाम:- भारत

पिता :- श्री राम सिंह परमार

माता जी :- श्री मती गेंदा राजा

शिक्षा:- डी.सी. ए. एवं  बी.एस.सी.नर्सिंग।

जन्म दिनांक :- 15/07/1995

जन्म स्थान:-
ग्राम :- बरेठी, पोस्ट :- गंज, थाना बमीठा, तहसील राजनगर, जिला छतरपुर,मध्यप्रदेश ( भारत )

वर्तमान निवास:- कमला कॉलोनी नया पन्ना नाका छतरपुर  ( म.प्र ) 471001.

व्यवसाय:- नर्सिंग शिक्षक ( प्राईवेट )

रचनात्मक कार्य :-
मुक्तक, गीत,छंद,कविताऐ ( वीर रस ) आदि।
*प्रकाशित कृतियाँ-* नंदिनी काव्य संग्रह एवं मुहब्बत ग़ज़ल संग्रह।
पत्रिकाएं:- अदबनामा पत्रिका, साहित्य एक्सप्रेस मासिक पत्रिका  तथा काव्य रंगोली पत्रिका।
साहित्य चेतना  ( मेरी इक्कीस रचनाएँ ) ( अप्रकाशित )

सम्मान पत्र विवरण ~

१:- साहित्य शिरोमणि अलंकरण।
२:- उद्गार विशिष्ट सम्मान।
३:- वागेश्वरी पुंज अलंकरण।
४:- श्रेष्ठ कलमवीर सम्मान।
५:- काशी समाज रत्न सम्मान।
६:- शब्द सृजन सम्मान।
७:- जनचेतना गौरव अर्थांश विशारद अलंकरण।
८:- हिंदी साहित्य श्री सम्मान।
९:- गीत कलश सम्मान।
१०:- मनीषी सम्मान।
११:- उन्मुक्त सम्मान।
१२:- श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान।
१३:- श्रेष्ठ टिप्पणीकार सम्मान।
१४:- श्रेष्ठ कलमकार सम्मान।

*मंचीय प्रस्तुति-*

1:- अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं साहित्य समागम बीसलपुर पीलीभीत ( उ.प्र.)
तारीख:-21/ जनवरी /2018

2:- सैल्यूट तिरंगा - 3 कवि सम्मेलन वाराणसी ( कांशी ) ( उत्तर प्रदेश )
तारीख:- 23 / मार्च /2018

3:- अखिल भारतीय कवि सम्मेलन परसिया बीसलपुर पीलीभीत  ( उ.प्र. )
तारीख:- 30/ मई /2018

4:- नवोदित कवि सम्मेलन ग्वालियर ( म.प्र )
तारीख :- 28/ जून /2018

5:- अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व मुशायरा दातागंज,बदायूँ ( उ.प्र. )
तारीख:- 14/जुलाई /2018

6:- वर्तमान में  भी सक्रिय हूँ। साहित्य सम्मेलन तथा काव्य सम्मेलनों में नियमित जाता हूँ।

रूचि:- शास्त्रीय संगीत एवं गायन।

प्रतिभा :- मंच संचालन।

पद:-    प्रदेश अध्यक्ष
      विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत
      छतरपुर मध्यप्रदेश इकाई।

पद:-  प्रदेश महा सचिव
       नर्सिंग छात्र संगठन छतरपुर
       मध्यप्रदेश  ( भारत )

पद:- जिला अध्यक्ष
       प्रेस मीडिया पत्रकार कल्याण संघ
       छतरपुर मध्यप्रदेश
      
पद:- जिला अध्यक्ष
        सत्यमेव जयते महाशक्ति संगठन
        छतरपुर मध्यप्रदेश

पद:- जिला-अध्यक्ष
       अखिल भारतीय साहित्य परिषद्
       छतरपुर मध्यप्रदेश  

सम्पर्क :- +918109643725
           
Email :- Neetendrasinghparmar15@gmail.com

संदेश:- समाज सेवा सबसे बड़ा धर्म है।

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'कात्यायनी' काव्य संग्रह का हुआ विमोचन।  छतरपुर, मध्यप्रदेश, दिनांक 14-4-2024 को दिन रविवार  कान्हा रेस्टोरेंट में श्रीम...