Sunday, September 13, 2020

हिंदी भाषा के तथ्य - दिनेश श्रीवास्तव

मित्रों! आज १४सितम्बर को हिंदी दिवस है।हिंदी दिवस की शुभकामनाओं के साथ भारत मे हिंदी के विकास के ऐतिहासिक तथ्यों से आपको अवगत कराने का प्रयास कर रहा हूँ--
 
१- गुजरात के महान कवि श्री नर्मद(१८३३-८६) ने सर्वप्रथम हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का विचार रखा।
२- १८७२ में आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद ने संस्कृत की जगह हिंदी में लिखने का विचार किया।
३- १८७३ में महेंद्र भट्टाचार्य द्वारा हिंदी में 'पदार्थ विज्ञान' की रचना की।
४- १८७५ में आर्यसमाज के आधार ग्रंथ'सत्यार्थ प्रकाश' की रचना हिंदी में हुई।
५- १८७७ में श्रद्धाराम फिल्लौरी ने 'भाग्यवती'नामक हिंदी उपन्यास की रचना की।
६- १८९३ में 'काशी नागरी प्रचारिणी सभा 'की स्थापना हुई।
७- १९१८ में आठवां हिंदी सम्मेलन हुआ जिसमें महात्मा गांधी ने हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने का आह्वाहन किया।
८- १९१८ में ही महात्मा गांधी द्वारा दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा की स्थापना की गई।
९- १९३५ में मद्रास के मुख्यमंत्री सी राजगोपालाचारी ने हिंदी शिक्षा को अनिवार्य कर दिया।
१०- *दिनांक १४ सितम्बर १९४९को संविधान सभा ने हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया।इसी दिन को 'हिंदी दिवस'के रूप में मनाया जाता है*।
११- दिनांक २७-५-९२ को न्यायधीशों की नियुक्तियों में अंग्रेजी के अतिरिक्त हिंदी भाषा व भारतीय अंको के अंतराष्ट्रीय स्वरूप के अतिरिक्त अंको के देवनागरी स्वरूप का प्रयोग शुरू हुआ।
१२- ७-६-५५ को बी जी खेर आयोग का गठन।
१३- दिनांक ३-१२-५५ को संघ के कुछ कार्यों के लिए अंग्रेजी भाषा के अतिरिक्त हिंदी का प्रयोग किये जाने का आदेश।
१४- १९५७ में खेर आयोग की रिपोर्ट पर विचार हेतु तत्कालीन गृह मंत्री गोविंद बल्लभ पंत की अध्यक्षता में संसदीय समिति का गठन।
१५- १९५९ मे संसदीय समिति की रिपोर्ट पर संसद में बहस। जवाहर लाल नेहरू द्वारा अंग्रेजी को सह भाषा के रूप में प्रयोग करने का आश्वासन दिया गया।
१६- १०-५ -६३ को राजभाषा अधिनियम बना।
१७- ५-९-६७ को 'केंद्रीय हिंदी समिति' का गठन।
१८- १८६८ में राजभाषा संकल्प के अनुसार हिंदी में कार्य करने के लिये कार्यक्रम तैयार किया गया।
१९- १९७१ में केंद्रीय अनुबाद ब्यूरो का गठन।
२०- १९७५ में राजभाषा विभाग का गठन।
२१- १९७६ में राज भाषा नियमावली बनी।
२२- १९७६ में ही संसदीय राजभाषा समिति का गठन।
२३- श्री अटल विहारी बाजपेयी द्वारा विदेश मंत्री के रुप मे पहली बार संयुक्त राष्ट्र की आम सभा मे हिंदी में संबोधन किया।
२४- १९८५ में केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान का गठन।
२५- १९८५ में कोठारी शिक्षा आयोग की रिपोर्ट।
२६- १९९९ में संघ की राजभाषा हिंदी की स्वर्ण जयंती मनाई गई।
२७- अप्रैल २०१७ में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने ' संसदीय राजभाषा समिति' की सिफारिश स्वीकार कर ली जिसके अनुसार राष्ट्र्पति तथा मंत्रियों को हिंदी में ही भाषण देने चाहिए।
२८- मई २०१८ में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने हिंदी माध्यम से इंजीनियरिंग की शिक्षा की अनुमति दी।
३०- १७ जुलाई २०१९ में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने सभी निर्णयों का हिंदी में अनुवाद प्रदान करना शुरू कर दिया।
          हिंदी की विकास- गाथा क्या संतोष जनक है?एक विचारणीय प्रश्न है ।
              धन्यवाद।
                               दिनेश श्रीवास्तव

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