🌷🌷 *शुभ प्रभात मित्रो* 🌷🌷
जय माता दी कीजिये, होगी नैया पार।
नाम हृदय में धारिये, हर लेंगी माँ भार।।
*◆अनुकूला छंद◆*
विधान~ [भगण तगण नगण+गुरु गुरु]
( 211 221 111 22
11 वर्ण, 4 चरण
[दो-दो चरण समतुकांत]
मातु रमा मैं चरण पड़ा हूँ।
हाथ बढ़ाओ शरण पड़ा हूँ।।
ये विनती है अब सुन लीजे।
माँ मति ये, निर्मल कर दीजे।।
*©मुकेश शर्मा "ओम"*
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