Wednesday, November 6, 2019

अनुकूला छंद - ओम

🌷🌷  *शुभ प्रभात मित्रो* 🌷🌷

जय माता दी कीजिये, होगी   नैया  पार।
नाम  हृदय  में  धारिये, हर लेंगी माँ भार।।

*◆अनुकूला छंद◆*
विधान~ [भगण तगण नगण+गुरु गुरु]
( 211 221 111  22
11 वर्ण, 4 चरण
[दो-दो चरण समतुकांत]

मातु रमा  मैं  चरण  पड़ा हूँ।
हाथ  बढ़ाओ शरण  पड़ा हूँ।।
ये विनती  है अब सुन लीजे।
माँ मति ये, निर्मल कर दीजे।।

          *©मुकेश शर्मा "ओम"*

No comments:

Post a Comment

एकल 32 वीं तथा कुण्डलिया छन्द की 7वीं पुस्तक- "नित्य कुण्डलिया लिखता" का लोकार्पण

मेरी एकल 32 वीं तथा कुण्डलिया छन्द की 7वीं पुस्तक- "नित्य कुण्डलिया लिखता"  का लोकार्पण चर्चित साहित्यिक संस्था  "तरुणोदय सां...