संस्मरण
विधा-गद्य
श्रद्धा भक्ति में शक्ति
विश्वास एक शब्द ही नहीं एक
शक्ति है। हमारी श्रद्धा और विश्वास हमें सफलता की राह दिखाता है,हमारी कोशिश मंजिल तक ले जाती है। ऐसी ही घटना लॉक डाउन में मेरे साथ घटित हुई।
सितंबर के महीना,मेरा 17 बर्षीय बेटा शुभांश जो हाइपरऑटिस्टिक है,हॉस्टल में वृंदावन रहता है।उसे संभालना बहुत मुश्किल है।लॉक डाउन में घर आया था।कुछ दिन ठीक रहा,धीरे धीरे उसकी हाइपर नेस बढ़ने लगी। एक दिन वह पापा के साथसब्जी मंडी गया,उसे स्प्रिंग रोल खाने थे जो लॉक डाउन के कारण नहीं मिले। पापा सब्जी ले रहे थे वह चुपचाप घर भाग आया।और चिल्लाने लगा स्प्रिंग रोल खायेगा,चिल्लाते हुए साइकिल की चाभी ली और तेजी से साइकिल लेकर निकल गया,में किचिन में खाने की तैयारी कर रही थी,मैं उसके पीछे भागी,किन्तु वह हाथ न आया।कोई यकीन नहीं करता वह सायकिल 25-30km की स्पीड में दौड़ा कर आँखों से ओझल हो गया।उसे घर लौटने का रास्ता नहीं मालूम,न ही किसी से बात करता है।कोई पूछे तो जबाब भी नही देता।
कहते है न कि "मुसीबत अकेले नही आती,उधर मेरी सास भी उठने की कोशिश में बिस्तर से गिर गयीं।जैसे तैसे उन्हें उठाया।
उस दिन मेरे पति फोन भी नही ले गए,वह ढूंढते हुए घर वापस आये,मैंने पूरी बात बताई और तुरंत गाड़ी लेकर ढूंढने निकल पड़े,सारे पुलिस थानों में सूचना दे दी,किन्तु नही मिला।पूरी रात दूसरा दिन ढूंढते रहे नही मिला।
हम घर लौटे मैंने माता के मंदिर में दीपक जलाया और प्रार्थना की मेरा बच्चा सही सलामत घर नहीं लौटा तो मैं दीपक जलाना छोड़ दूँगी,ईश्वर से विश्वास खत्म हो जाएगा।पर कहते हैं विश्वास में भक्ति और ,#भक्ति में शक्ति होती है हमारे एक मित्र ने हमें 12 km और आगे देखने के लिए प्रेरित किया, और घर से लगभग 64km दूर बेटे के देखे जाने का क्लू मिला।
हमने 112 न.गाड़ी को उसी रास्ते पर दौड़वाया और 7 सितम्बर तीसरा दिन ,की रात्रि दो बजे भूखा प्यासा अति दयनीय स्थिति में मिला।उसकी हालत याद आ जाती है तो कलेजा कांप उठता है। किंतु माता रानी का शुक्र है उन्होनें रास्ता दिखलाया और सफलता हासिल हुईं।
तब भक्ति में शक्ति का एहसास हुआ।।
गीतांजली वार्ष्णेय"सूर्यान्जलि"
इफको ऑवला बरेली उ.प्रदेश
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