"वर्तमान हिन्दी साहित्य एवम साहित्यकार" विषय में आज मिलिए वरिष्ठ साहित्यकार दादा चन्द्रपाल सरल से //
मित्रो साहित्य का एक ऐसा पुरोद्धा जो तीन दशक तक स्वयं के आनन्द के लिए साहित्य रचना करता रहा , यूं कहें कि मंचों से जिसकी ना चाहते हुए दूरी बनी रही उस साहित्यकार का नाम है चन्द्रपाल "सरल" /
परिचय ---
नाम - चन्द्रपाल सिंह यादव "सरल"
कार्य - वकालत
जन्म - ग्राम -कलाकन्द ,दातागंज बदायूं (उ०प्र०)
वर्तमान निवास - डी एम रोड बदायूं
मित्रों सरल जी नाम ,काम एवम व्यवहार तीनों में सरल हैं/
उनकी रचनायें ग्रामीण परिवेष से युक्त हैं
सरल जी ने गॉव के जीवन का सचित्र वर्णन अपने गीतों में किया है/
गीत ,गजल और मुक्तक उनकी विधायें हैं /
उनकी रचनाओं का भावपक्ष एवम कलापक्ष दोनों अति उत्तम हैं /
सरल जी ने सदा सबको एक सूत्र में बांधने का सफल प्रयास किया और अपने से छोटो को भरपूर स्नेह दिया/
वर्तमान में वे बदायूं की सुप्रसिद्ध साहित्यिक संस्था स्मृति वन्दन के अध्यक्ष हैं ,और उसे पुष्पित व पल्लवित कर रहे हैं //
हम सरल जी के साहित्य की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हैं तथा उनकी लम्बी साहित्यिक आयु की कामना करते हैं //
प्रो० आनन्द मिश्र अधीर
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