*कुंडलिया*
🇮🇳तिरंगा🇮🇳
(१)
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केसरिया जो रंग है, करता शौर्य बखान|
धरती अम्बर चांद पर,दिखती इसकी शान||
दिखती इसकी शान,गूंजती चहुँदिश गाथा|
प्रेरित करता नित्य,हिमालय सा हर माथा||
कहे दिव्य हरषाय,ओज की सुन बाँसुरिया|
धन्य भारती मातु, पुत्र ओढ़े केसरिया||
(२)
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सादा जीवन सब जिये, रहे न कोई भेद|
प्रेम करो हर धर्म से, कहता रंग सफेद||
कहता रंग सफेद,राष्ट्र के प्रति सच्चाई|
रखो समर्पण भाव, भावना हो न पराई||
कहे दिव्य कर जोड़,नेक हो मीत इरादा|
देता पल संदेश ,भाव शुचि जीवन सादा||
(३)
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हरियाली हर पल रहे, धरती का श्रृंगार|
जीव जंतु विचरण करे,निश्छल अपना प्यार||
निश्छल अपना प्यार,प्रथम पूजन धरती का|
हमीं बने आधार, सार हर पल जगती का||
कहे दिव्य कर जोड़,शहद भरदे हर प्याली|
हरा रंग समझाय ,देश में रख हरियाली||
(४)
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खुश रहने के बिंदु दो, जीवन कारण चार।
राजतन्त्र के आठ गुण,दस जीवन व्यवहार।।
दस जीवन व्यवहार,सदा सबको सिखलाता।
रेखाएं चौबीस, चक्र पूरा हो जाता।।
कहें दिव्य सच बात ,यही मोती गहने के।
करिये मिलकर यत्न,सभी जन खुश रहने के।।
(५)
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डोरी यक गठ जोड़ सम ,डंडा है आधार|
यक खूँटी से हम बँधे, यही हमारा प्यार||
यही हमारा प्यार ,निभाना परिपाटी को|
अपनी मातु समान ,पूजिये इस माटी को||
दिव्य झुकाये शीश, विनय करता करजोरी।
सबको राखे संग ,प्रेम की पावन डोरी||
~जितेन्द्र चौहान "दिव्य"
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