Sunday, January 26, 2020

पुस्तक विमोचन बंजारा मन,पथरीली राहे

आज एक स्थानीय होटल के सभागार में श्रीमती विमल बुन्देला के तीसरे काव्य संग्रह 'बंजारा मन पथरीली आँखें' का विमोचन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर संतोष भदौरिया , पूर्व राज्य सभा सदस्य व चिंतक श्री सत्य व्रत चतुर्वेदी ने समारोह पूर्वक किया। इस अवसर पर वरिष्ठ गीतकार सुरेंद्र शर्मा शिरीष , कवयित्री श्री मती मालती श्रीवास्तव, नपा अध्यक्ष अर्चना गुड्डू सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहीं। सभागार में शहर साहित्यकार, कविगण, चिकित्सक, बुद्धिजीवी व रसिक श्रोता उपस्थित रहे। संचालन मैंने किया।
समारोह में सरस्वती पूजन के उपरांत सरस्वती वंदना राघवेंद्र उदैनियाँ ने की। आभा श्रीवास्तव ने रचनाओं पर प्रकाश डाला। स्वागत वक्तव्य डा. यशपाल बुन्देला ने दिया। डा. आराधना सिंह ने विमल जी की कविता का पाठ किया। प्रोफेसर संतोष भदौरिया ने काव्य संग्रह पर विस्तार से प्रकाश डालकर उनकी कविताओं में प्रेम, प्रकृति, नारी मन की सुकुमारता के साथ सच कक्षने के साहस की तारीफ की। उन्होंने बताया कि इसमें स्वप्न दर्शिता के साथ आशा वादिता है। वे संघर्ष को प्रेरित करती हैं। अध्यक्षीय उद्बोधन में सत्यव्रत चतुर्वेदी ने इनकी रचनाओं को समय की महत्वपूर्ण रचना बताया। आभार डा.  एस . एस. बुन्देला ने व्यक्त किया।

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