Friday, July 19, 2019

सवैया विधान

सवैया: इसमें चरण होते हैं। प्रत्येक चरण में तुकांत होता है और गणों की व्यवस्था समान रहती है। गणों की व्यवस्था के आधार पर सवैये के कई भेद होते हैं। जैसे:

वागीश्वरी सवैया – सात यगण, एक लघु और एक गुरु ।

यमाता यमाता यमाता यमाता यमाता यमाता यमाता ल गा ।

भुजंग सवैया – आठ यगण ।

यमाता यमाता यमाता यमाता यमाता यमाता यमाता यमाता ।

मंदार माला सवैया – सात तगण और एक गुरु ।

ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज गा ।

सर्वगामी सवैया – सात तगण और दो गुरु ।

ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज गा गा ।

आभार सवैया – आठ तगण ।

ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज ताराज ।

गंगोदक सवैया – आठ रगण ।

राजभा राजभा राजभा राजभा राजभा राजभा राजभा राजभा ।

सुमुखी सवैया – सात जगण, एक लघु और एक गुरु।

जभान जभान जभान जभान जभान जभान जभान लगा ।

बाम सवैया – सात जगण और एक यगण ।

जभान जभान जभान जभान जभान जभान जभान यमाता ।

मुक्ताहरा सवैया – आठ जगण ।

जभान जभान जभान जभान जभान जभान जभान जभान ।

मोद सवैया – पाँच भगण, एक मगण, एक सगण और एक गुरु ।

भानस भानस भानस भानस भानस मातारा सलगा गा ।

मदिरा सवैया – सात भगण और एक गुरु। ऊपर बताई गयी गण-संरचना के अनुसार,

भानस भानस भानस भानस भानस भानस भानस गा ।

किरीट सवैया – आठ भगण ।

भानस भानस भानस भानस भानस भानस भानस भानस ।

मत्तगयंद सवैया – सात भगण और दो गुरु ।

भानस भानस भानस भानस भानस भानस भानस गा गा ।

दुर्मिल सवैया – आठ सगण।

सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा ।

सुंदरी सवैया – आठ सगण और एक गुरु ।

सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा गा ।

सुखी सवैया – आठ सगण और दो लघु ।

सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा सलगा ल ल ।

No comments:

Post a Comment

'कात्यायनी' काव्य संग्रह का हुआ विमोचन। - छतरपुर, मध्यप्रदेश

'कात्यायनी' काव्य संग्रह का हुआ विमोचन।  छतरपुर, मध्यप्रदेश, दिनांक 14-4-2024 को दिन रविवार  कान्हा रेस्टोरेंट में श्रीम...