नर्स का जीवन
जानते सभी हैं बात,रहते हैं संग साथ।
बीमारी कराते दूर,नर्स करे काम हैं।।
सुबह से शाम तक,छोड़ती हैं घर द्वार।
सेवा में लगाती मन,होता नही नाम हैं।।
नींद नही लेती कभी,दौड़ भाग करे सभी।
मरीजो के हित में तो,बात यही आम हैं।।
अस्पताल मंदिर समान मुझे लगता हैं।
नर्स इसे मानती हैं,देखो चारो धाम हैं।।
- नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत "
छतरपुर ( मध्यप्रदेश )
सम्पर्क :- 8109643725
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