Saturday, October 20, 2018

तत्सम और तद्भव शब्द कविता कोश

तत्सम  तद्भव 

अग्नि - आग
अंध - अँधा
अमृत - अमी
अर्ध - आधा
अष्ट - आठ
अश्रु - आँसू
अक्षि - आँख
अज्ञानी - अनजान
आम्र - आम
आद्रक- अदरक
आश्चर्य - अचरज
आच्शारी - आसरा
आशिष - आशीष
ओष्ठ - ओठ
इक्षु - ईख
उलूक- उल्लू
उष्ट्र - ऊँट
एकादश - ग्यारह
कच्छप - कछुआ
कटु - कड़वा
कंदुक - गेंद
कपाट - किवाड़
कपर्दिका - कौड़ी
कर्ण - कान
कर्पूर - कपूर
कार्य - काज
काष्ठ - काठ
कुपुत्र - कपूत
कुब्ज - कुबड़ा
कुम्भकार - कुम्हार
कुमार - कुँवर
कुष्ठ - कोढ़
कूप - कुँवा
कोकिल - कोयल
कोटि - करोड़
गर्जन - गरज
गर्दभ - गधा
ग्रंथि - गाँठ
ग्राम - गाँव
गोधूम - गेंहू
गौर -गोरा
गृध - गीध
गृह - घर
घटिका - घड़ी
घृत - घी
चंचु - चोंच
चतुर्थ - चौथा
चंद्र - चाँद
चर्मकार - चमार
चित्रकार - चितेरा
चैत्र - चैत
चौर - चोर
छिद्र - छेद
ज्येष्ठ - जेठ
जिह्वा - जीभ
ताम्र - ताँबा
तैल - तेल
त्वरित - तुरंत
दंड - डंडा
दधि - दही
दन्त - दांत
द्वादश - बारह
द्विगुण - दुगुना
दुग्ध - दूध
धैर्य - धीरज
धूम - धुवाँ
नयन - नैन
निद्रा - नींद
निष्ठुर - निठुर
पद - पैर
पश्चाताप - पछतावा
पक्ष - पंख
प्रकट - प्रगट
प्रतिवासी - पडोसी
प्रस्तर - पत्थर
प्रहरी - पहरी
पृष्ठ - पीठ
पाद - पाँव
पितृ - पिता
पीत - पीला
पुत्र - पूत
पुराण - पुराना
पौत्र - पोता
फाल्गुन - फागुन
बधिर - बहरा
बालुका - बालू
बिन्दू - बूँद
भक्त - भगत
भल्लूक - भालू
भिक्षा - भीख
मयूर - मोर
मस्तक - माथा
मृत्यु - मौत
मार्ग - मग
मिष्ठ - मीठा
मित्र - मीत
मुख - मुँह
मुष्टि - मुट्ठी
मूल्य - मोल
मूषक - मूस
मेघ - मेह
यमुना - जमुना
यम - जम
यंत्र - जंत्र
यज्ञोपवीत - जनेऊ
यजमान - जजमान
रक्तिका - रत्ती
रात्रि - रात
राशि - रास
रक्षा - राखी
लज्जा - लाज
लौह - लोहा
लम्बक - लम्बा
लीष्ट - लोढ़ा
वेदना - बेदना
वन - बन
वर्तिका - बत्ती
यव - जौ
योगी - जोगी
यूथ - जत्था
युवा - जवान
योवन - जोबन
युवा - जवान
राजपुत्र - राजपूत
राज्ञी - रानी
रज्जू - रस्सी
रिक्त - रीता
लौहकार - लुहार
लवंग - लौंग
लवण - नमक
लोमश - लोमड़ी
विवाह - बारात
वरयात्रा - बारात
बिग्रह - बिगाड़
विस्टा - बीट
विद्युत् - बिजली
वत्स - बच्चा
व्याघ्र - बाघ
वंश - बांस
वक् - बगुला
वृच्शिक - बिच्छु
वर्धकिन - बढ़ई
वारिद - बादल
वातुलक - बावला
विल्ब - बेल
व्यथा - विधा
वधु - बहू
वट - बरगद 
वाणिक - बनिया
वृद्ध - बुढा
वानर - बन्दर
वास्प - भाप
वर्ष - बरस
व्याख्यान - बखान
वार्ता - बात
वाराणसी - बनारस
विग्रह - बीघा
वेश - भेस
शकुन - सगुन
शालाकिका - सलाई
शत - सौ
शत - सौ
शिक्षा - सीख
श्रावण - सावन
श्रृंगार - सिन्गार
श्वास - साँस
शूकर - सूअर
शप्तशती - सतसई
राजा - राय
रात्रि - रात
रोदन - रोना
लज्जा - लाज
लवंग - लौंग
लक्ष - लाख
लोक - लोग
लौहकार - लोहार
वट - बड़
वत्स - बच्चा
वधू - बहू
व्याध - बाघ
वानर - बन्दर
वाष्प - भाप
शत - सौ
शत - सौ
शिक्षा - सीख
श्रावण - सावन
श्रृंगार - सिंगार
श्वास - साँस
शूकर - सूअर
शप्तशती - सतसई
श्यामल - साँवला
शाप - श्राप
शुन्ठिका - सोंठ
श्रृंगाल - सियार
श्रिंग - सींघ
पष्ट - छः
स्कंध - कन्धा
स्कंधभार - कहार
स्तम्भ - खम्भा
स्थानक - ठप्पा
साक्षी - साखी
सूर्य - सूरज
सूची - सूई
सर्सप - सरसों
हास्य - हँसी
हस्तिनी - हथनी
श्यालक - साला
श्वसुर - ससुर
शर्कर - शक्कर
शाक - साग
शुष्क - सूखा
शून्य - सूना
शीतल - सीतल
शुण्ड - सूंड
श्रद्धा - साध
स्फोटक - फूट
स्तन - थान
स्वामी - साईं
सज्जा - साज
संधि - सेंध
सूत्र - सूत
स्वप्न - सपना
संध्या - शाम
हस्ति - हाथी
होलिका - होली
हस्त - हाथ
हत्याकार - होली
ह्रदय - हिया
श्यालस - साला
शय्या - सेज
शर्करा - शक्कर
स्वसुर - ससुर
शाक - साग
शृंखला - साँकल
श्रृंगार - सिंगार
श्रृंगाल - सियार
श्रावण - सावन
शिर - सिर
शिला - सिल
शिक्षा - सीख
शीर्ष - सीस
श्रेष्ठी - सेठ
स्कंध - कन्धा
संध्या - साँझ
स्तन - थन
सप्त - सात
स्वर्ण - सोना
सूर्य - सूरज
सूत्र - सूत
सौभाग्य - सुहाग
हस्त - हाथ
हस्ती - हाथी
हरिद्रा - हल्दी
हास्य - हँसी
क्षार - खार
क्षेत्र - खेत

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