Tuesday, April 16, 2019

अनंगशेखर छंद :- नीतेन्द्र सिंह परमार भारत

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*अनंगशेखर छंद*

शिल्प : जगण रगण जगण रगण जगण गुरु
16 वर्ण, दो दो चरण समतुकांत
121 212 121 212  121  2

प्रवाह में  चली  नदी अपार  नीर से भरी।
भरे  समुद्र  ताल  और भूमि को करे हरी।।
चले चलो बिना  रुके  कहे सुहावनी नदी।
प्रणाम लक्ष्य को करे सदा लुभावनी नदी।।

नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत "
छतरपुर  ( मध्यप्रदेश )

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