Wednesday, October 23, 2019

गीत:- जयकांत पाठक जी

*गीत*

लाज बचाये रखना यारो,वीरो के बलिदान की।
विश्व मे देखो अलग छवि है,अपने हिंदुस्तान की।।

आज तिरंगा जलता देखो,प्रांतवाद की आंधी में।
भारत आज शिखरतम होता,गलती कर दी गांधी ने।
गरिमा बिल्कुल शून्य करा दी,इसके तो परिधान की।।
विश्व मे देखो अलग छवि है,अपने हिंदुस्तान की।।1।।

सिसक सिसककर रोया होगा,घुटता होगा जीने में।
चैन न उसको आया होगा,अश्रुधारा पीने में।।
झुककर और लिपटकर इज्जत,रखी नारी सम्मान की।।
विश्व मे देखो अलग छवि है,अपने हिंदुस्तान की।।2।।

हरा रंग सम्रद्धि वाला,श्वेत बना है शांति का।
लाल रंग है मतवाला और,प्रतीक बना है कांति का।।
फहर फहर कर नीलामी,करवा दी पाकिस्तान की।।
विश्व मे देखो अलग छवि है,अपने हिंदुस्तान की।।3।।

लाल,श्वेत रंग हरे के पीछे,कइयों ने दी कुर्बानी।
शेखर,बापू,बोस,भगत से,धरती महकी वरदानी।।
त्याग,समर्पण से इच्छा तो,होती है बलिदान की।।
विश्व मे देखो अलग छबि है,अपने हिंदुस्तान की।।4।।

जिन लोगो ने घर को त्यागा,उनका ही इतिहास बना।
उनके ही तो देशप्रेम से,ध्वज मेरा आकाश बना।
कोई महिमा नहीं है उनकी,साहस के गुणगान की।।
विश्व मे देखो अलग छवि है,अपने हिंदुस्तान की।।5।।

*_जयकांत पाठक*

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