कविता:-
भारत देश हो सुन्दर अपना
सूरज चाँद सितारे कहते।
आपस में बच्चे सब रहते।।
खेल खेल में सीखे गाना।
सुबह पाठशाला को जाना।।
मात पिता का आदर करते।
चोरी चुगली से नित डरते।।
अ से अनपढ़ ज्ञ से ज्ञानी।
बोले निश दिन मीठी वानी।।
माता ममता पाठ पढ़ाती।
लिखना पढ़ना नित्य सिखाती।।
भारत माँ के राजदुलारे।
हम सबकी आँखो के तारे।।
महके उपवन डाली डाली।
नित आये नूतन खुशहाली।।
सब बच्चो का एक ही सपना।
भारत देश हो सुन्दर अपना।।
*__ नीतेन्द्र भारत*
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