वास्तव में वह सत्य जो मैंने लॉकडाऊन के दौरान सीखा।
1. आज अमेरिका अग्रणी देश नहीं है।
2. चीन कभी विश्व कल्याण की नही सोच सकता।
3. यूरोपीय उतने शिक्षित नहीं जितना उन्हें समझा जाता था।
4. हम अपनी छुट्टियॉ बिना यूरोप या अमेरिका गये भी आनन्द के साथ बिता सकते हैं।
5. भारतीयों की रोग प्रतिरोधक क्षमता विश्व के लोगों से बहुत ज्याद है।
6. कोई पादरी, पुजारी, ग्रन्थी,मौलवी या ज्योतिषी एक भी रोगी को नहीं बचा सका।
7. स्वास्थ्य कर्मी,पुलिस कर्मी, प्रशासन कर्मी ही असली हीरो हैं ना कि क्रिकेटर ,फिल्मी सितारे व फुटबाल प्लेयर ।
8. बिना उपभोग के विश्व में सोना चॉदी व तेल का कोई महत्व नहीं।
9. पहली बार पशु व परिन्दों को लगा कि यह संसार उनका भी है।
10. तारे वास्तव में टिमटिमाते हैं यह विश्वास महानगरों के बच्चों को पहली बार हुआ।
11. विश्व के अधिकतर लोग अपना कार्य घर से भी कर सकते हैं।
12. हम और हमारी सन्तान बिना 'जंक फूड' के भी जिन्दा रह सकते है।
13. एक साफ सुथरा व सवचछ जीवन जीना कोई कठिन कार्य नहीं है।
14. भोजन पकाना केवल स्त्रियां ही नहीं जानती।
15. मीडिया वास्तविकता से हट कर टीआरपी बढ़ाने में ज्यादा विश्वास रखता है।
16. अभिनेता केवल मनोरंजनकर्ता हैं जीवन में वास्तविक नायक नहीं।
17.भारतीय नारी कि वजह से ही घर मंदिर बनता है।
18. पैसे की कोई वैल्यू नही है क्योंकि आज दाल रोटी के अलावा क्या कर सकते हैं।
19. भारतीय अमीरों मे मानवता कुट-कुट कर भरीं हुईं है एक दो को छोड़कर।
20. विकट समय को सही तरीक़े से भारतीय ही संभाल सकता है।
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