Saturday, May 12, 2018

कविता दिवस




खोलेगी हृदय के द्वार कविता।
हलचल करती मन में कविता।।
चंचल,प्रबल,सुकोमल हैं ये।
शब्दावली का शब्द हैं कविता।1।

तीरस तरल पदार्थ हैं कविता।
जीवन का रंग प्रकाश हैं कविता।।
फङकते हुये बाजुओ बल में।
शत्रुओ पर बार हैं कविता।2।

वीरो को तलवार हैं कविता।
केवट की पतवार हैं कविता।।
आँखो में पलती ज्वाला को।
मेरा सारा परिवार हैं कविता।3।


औरत का सिन्दूर हैं कविता।
ओज से भरपूर हैं कविता।।
होठो की मुस्कान से बङी।
सुरो से परिपूर्ण हैं कविता।4।


अखल जगाती धार हैं कविता।
देश भक्ति का प्यार है कविता।।
रचे जो रचना अपने हृदय से।
युद्ध की जीत हार हैं कविता।5।


वकीलो का कोट हैं कविता।
नेताओ की वोट हैं कविता।।
सोच  समझ कर देखोगे तो।
व्यापारी का नोट हैं कविता।6।

वीरो का उत्साह हैं कविता।
मोमिन को अल्लाह हैं कविता।।
कोमी एकता की बात सुनो।
हिंदी में चैत्र माह हैं कविता।7।


रखने को आस हैं कविता।
जीवन में विश्वास हैं कविता।।
सच कहूँगा सदा आपसे में।
प्यासे को प्यास हैं कविता।8।

कवियो का गान हैं कविता।
साहित्य का ज्ञान हैं कविता।।
संस्कृति का भाव देखो तो।
तिरंगे की शान हैं कविता।9।


सारी मेरी आन हैं कविता।
बुजुर्गो का मान है कविता।।
देश विदेशो में मानो तो।
*भारत* की जान हैं कविता।10।


- नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत "
   छतरपुर  ( मध्यप्रदेश )
   सम्पर्क :- 8109643725

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