Saturday, May 12, 2018

आशिफा का दर्द




*गीत*

लुटती क्यों हैं लाज बहिन की,कैसा देश महान हैं।
शर्म करो कुछ तो जल्लादो,अपना हिन्दुस्तान हैं।।

1. क्रूर कुकर्मी पाखंडी वो,
करते ऐसा काम हैं।
भाई बहिन और मात पिता की,
बेटी आशिफा नाम हैं।।
करते रक्षा मंदिर की जो,
बना आज सैतान हैं।।
शर्म करो कुछ तो जल्लादो,अपना हिन्दुस्तान हैं।।


2. नाजुक उम्र रही थी उसकी,
जानो ये सच्चाई।
संग में सबके पढ़ने वाली,
देखी न अच्छाई।।
पाठ पढ़ाता धर्म ग्रंथ का,
बना आज हैवान हैं।।
शर्म करो कुछ तो जल्लादो,अपना हिन्दुस्तान हैं।।

3. पता नही क्या होने वाला,
कैसी विपदा होती।
आई विपदा उसके ऊपर,
नींद मौत की सोती।।
बन बैठा इंसान जानवर,
और सदा बेईमान हैं।।
शर्म करो कुछ तो जल्लादो,अपना हिन्दुस्तान हैं।।


4. गर्दन पर बंदूक लगाकर,
दाब वही पर खटका दो।
संविधान की धारा के संग,
सीधे फांसी लटका दो।।
भारत में लागू हो जाये,
बढ़े देश का मान हैं।।
शर्म करो कुछ तो जल्लादो,अपना हिन्दुस्तान हैं।।

लुटती क्यो हैं लाज बहिन की,कैसे देश महान हैं।
शर्म करो कुछ तो जल्लादो,अपना हिन्दुस्तान हैं।।


- नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत " 
   छतरपुर  ( मध्यप्रदेश )
   सम्पर्क :- 8109643725

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