Thursday, November 22, 2018

मृगेंद्रमुख छंद आ0:- शैलेन्द्र खरे"सोम" जी

◆मृगेंद्रमुख छंद◆

विधान-
नगण जगण जगण रगण गुरु
(111 121 121 212  2)
2-2चरण समतुकांत,4चरण।

नमन उमापति आपको करूँ मैं।
चरण  सुपावन  हीय  ते धरूँ मैं।।
विनय यही  भव  से उबार दीजै।
करहुँ कृपा प्रभु जी निहार लीजै।।

                  ~शैलेन्द्र खरे"सोम"

No comments:

Post a Comment

'कात्यायनी' काव्य संग्रह का हुआ विमोचन। - छतरपुर, मध्यप्रदेश

'कात्यायनी' काव्य संग्रह का हुआ विमोचन।  छतरपुर, मध्यप्रदेश, दिनांक 14-4-2024 को दिन रविवार  कान्हा रेस्टोरेंट में श्रीम...