Friday, November 23, 2018

चन्द्रिका छंद

◆चन्द्रिका छंद◆

विधान-
नगण नगण तगण तगण गुरु
(111 111 221 221  2)
2-2चरण समतुकांत,7,6यति।

सुखमय लगता, नाम भी आपका।
हिय महुँ रुचता,काम भी आपका।।
उरपुर   बसिये, है  यही   कामना।
भव भय मुझको, रामजी  थामना।।

                 ~शैलेन्द्र खरे"सोम"

No comments:

Post a Comment

प्रेमचंद रेडियो पर काव्यपाठ

मुंशी प्रेमचंद मार्गदर्शन केंद्र ट्रस्ट लमही वाराणसी उ.प्र. द्वारा संचालित रेडियों प्रेमचंद एप जिसके स्र...