Saturday, November 24, 2018

हारिणी छंद आ0:- शैलेन्द्र खरे "सोम" जी

◆हारिणी छंद◆

विधान~
[जगण जगण जगण+लघु गुरु]
(121  121  121  12
11वर्ण,4 चरण
दो-दो चरण समतुकांत]

अनेक   प्रकार    विधान   घने।
सुछंद    भले    मधुगान   बने।।
कला-कविता मन साध सिखौ।
गुनौ  पहिले  सब  बाद लिखौ।।

                ~शैलेन्द्र खरे"सोम"

No comments:

Post a Comment

विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत मध्यप्रदेश इकाई द्वारा बुंदेली काव्य गोष्ठी का किया गया आयोजन। नीतेंद्र सिंह परमार भारत छतरपुर मध्यप्रदेश

विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत मध्यप्रदेश इकाई द्वारा बुंदेली काव्य गोष्ठी का किया गया आयोजन। आज दिनांक 6 जुलाई 2025 दिन रविवार को गायत्री शक्तिप...