Wednesday, November 21, 2018

चंडी छंद :- श्री भगत जी





◆ *चंडी छंद* ◆

विधान-नगण नगण सगण सगण गुरु
         (111  111  112  112  2)
दो-दो चरण समतुकांत, 4 चरण।
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अवध   नयन    रघुवीर   महाये |
सुमति सुपथि चित आप सुहाये ||
इहहि भगत सुधि  जानत नीका |
सतत भजन  रत  रामहुँ जी का ||

पटल सहज  पुनि  होवनि लागा |
सरस  सुरस  मन  सोवत  जागा ||
अबहुँ  पुनिअ  सबु कारज  सोई |
विरल  सरल   अबु  आपहुँ  होई ||

🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
©भगत


संग्रहितकर्ता:-
नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत "
( छतरपुर मध्यप्रदेश )

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