*ख्याल छंद*
((((((गेयता प्रधान छंद))))
हे गौरी नाथ, देते हैं साथ, रहे सिर पै हाथ,
प्रभु त्रिपुरारी ।
देवौं के देव, प्रिय महादेव,करते सदैव,
सब सुख कारी।
महिमा अखंड, प्रभुता प्रचंड,गल माल मुंड
शोभा न्यारी ।
भूतेश्वराय,धूमेश्वराय,रामेश्वराय
प्रभु भय हारी ।
करो तम का अंत,ये मन हो संत,भोले अनंत
हो भंडारी ।
ममता की खान, वाणी सुजान, रखते है ध्यान
प्रभु विष धारी ।
- ममता गोस्वामी "वाणी"
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