रंग
जीवन में रंगो की बात होगी।
परिभाषित प्रतीकों की बात होगी।।
रंग भाव प्रकट करें जो भारत।
छटा बिखरती उमंगों की बात होगी।।
( पीला रंग )
रंगो का करू बखान,बढ़ाते भूमि की शान।
रंगो का महत्व खुद,रंगो ने बताया हैं।
प्रथम हैं पीला रंग,सूर्य सम पीला रंग।
जीवन के चले संग,जग में दिखाया हैं।।
बढ़ाता विचार नेक,प्रबल,प्रखर,एक।
मन में मिठास भरें,रंग ये सुहाया हैं।।
फैलता प्रकाश जहां,चहुंओर यहा वहा।
मृदुभाषी ऊर्जावान,रंग वो जताया हैं।।
( नारंगी )
वीरता का करें गान,ध्वज की बढ़ाये शान।
खुशी का प्रतीक मान,रंग ये नारंगी हैं।।
नारंगी स्वतंत्रता का,सृजन प्रतीक का भी।
ऊर्जा के समान भाव,रंग ये बिरंगी हैं।।
होता हैं प्रभावशाली,जिसको उगाये माली।
नव उत्साहित होके,करे सतरंगी हैं।।
संत व महंत का भी,बना पहचान वस्त्र।
पहने हैं वस्त्र सभी,भगवा सा रंगी हैं।।
लाल रंग प्रेम क्रोध, सभी का कराता बोध।
हिन्दू में सुहाग लाल,रंग की निशानी है।।
होता जहा शुभ कार्य,पूजा में चढ़ाते पुष्प।
लाल फल लाल लाल,लाल परिधान हैं।।
खतरा व सावधानी,बताये जगत में ये।
जोशीले स्वाभाव भाव,लाल की जवानी हैं।।
आँखे खोज लेती सदा,दिखता हैं लाल रंग।
लाल रंग वीरता की,बनता कहानी हैं।।
- नीतेन्द्र सिंह परमार " भारत "
छतरपुर ( मध्यप्रदेश )
सम्पर्क सूत्र:- 8109643725
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